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हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में प्रवेश के नियमों में किया परिवर्तन

हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने वाले छात्रों के लिए नियमों में परिवर्तन किया है। और शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालय संस्थानों के लिए निर्देश दियें हैं कि जो छात्र सरकारी स्कूल में जाना चाहता है उसके लिए कोई व्यवधान उत्पन्न न करें।

हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में प्रवेश के नियमों में किया परिवर्तन
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हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने वाले छात्रों के लिए नियमों में परिवर्तन किया है। और शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालय संस्थानों के लिए निर्देश दियें हैं कि जो छात्र सरकारी स्कूल में जाना चाहता है उसके लिए कोई व्यवधान उत्पन्न न करें।

हरियाणा शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि जो छात्र प्राइवेट स्कूल छोडकर सरकारी विद्यालय में प्रवेश के लिए आ रहा है उनका प्रवेश स्थाई माना जायेगा क्योंकि वह छात्र अपने पहले वाले स्कूल से सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र लेकर आयेगा। और इस संबंध में शिक्षा विभाग ने पहले भी निजी स्कूलों को आदेश दिया था कि सभी प्राइवेट संस्थान अपने विद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन लीविंग सर्टिफिकेट जारी करें। यह स्कूल छोडने का प्रमाण पत्र 15 दिन के भीतर जारी करना होगा। यदि एसएलसी प्रमाण पत्र 15 दिन के अन्दर जारी नहीं किया तो स्वतः ही जारी किया माना जायेगा।

हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी प्राइवेट संस्था प्रधानों और शिक्षा मंत्री कंवरपाल से बातचीत की है। और यह अवगत कराया है कि शिक्षा विभाग ने यह कभी नहीं चाहा है कि निजी विद्यालय से सरकारी विद्यालय में जाने वाले छात्र के रास्ते में बाधा उत्पन्न की जाये।

शिक्षा निदेशालय ने 15 जून को यह आदेश पारित किया कि कोरोना महामारी के कारण छात्रों की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पडे। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया कि जो छात्र जहाँ पढना चाहता है पढ सकता है इसके लिए वह स्वतन्त्र है। जिस विद्यालय में पढना चाहता है उस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर सकता है ऐसा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में वर्णित है।

निजी सस्थानों ने इस पर ऐतराज जताया और इस नियम को वापस लेने का आग्रह किया। इस पर शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को परिवर्तित आदेश जारी किया है कि विना प्रमाण पत्र के उन्हें अस्थाई प्रवेश दिया जायेगा। स्थाई प्रवेश तब ही माना जायेगा जब वे अपने पूर्व विद्यालय से प्रमाण पत्र लेकर आयेंगे। छात्रों को अपने पहले वाले स्कूल से एसएलसी प्रमाण पत्र जरूर लाना होगा।





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