शिक्षा अधिकारियों का बड़ा फैसला, सरकारी स्कूलों को लेंगे गोद
स्कूलों की स्थिति सुधारने व निजी स्कूलों के मुकाबले उन्हें तैयार करने यह प्रयास किया जा रहा है।

जिले के अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अब दो सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी लेंगे। इन सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में हुए विकासखंड एवं सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी की बैठक में यह फैसला लिया गया।
इसके अंतर्गत प्राइमरी स्कूलों की ही जिम्मेदारी शिक्षा अधिकारी लेंगे। स्कूलों की स्थिति सुधारने व निजी स्कूलों के मुकाबले उन्हें तैयार करने यह प्रयास किया जा रहा है।
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इसके अतिरिक्त नए शैक्षणिक सत्र में होने वाले बदलाव संबंधी अन्य फैसले भी लिए गए। इस सत्र से स्कूलों में खेल मैदान पर खास ध्यान दिया जाएगा। सभी स्कूलों में रनिंग ट्रैक बनाए जाएंगे। स्पेशल कैंप भी लगाया जाएगा।
शिक्षाकर्मियों को वेतन वक्त पर आबंटित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। स्कूल खुलने के पहले स्पेशल कैंप भी आयोजित होंगे।
प्राइमरी और मिडिल स्कूलों पर फोकस
नए शैक्षणिक सत्र में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। इन कक्षाओं के सभी छात्रों को जोड़-घटाना, सही उच्चारण जैसी बुनियादी चीजें आती हों, यह सुनिश्चित किया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में मुख्य लक्ष्य इन छात्रों का संपूर्ण विकास करना रहेगा।
जुलाई से ही सभी स्कूलों की मॉनिटरिंग की जाएगी। हर विकासखंड अधिकारी के लिए प्रतिदिन कम से कम पांच स्कूलों का निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। मोबाइल मॉनिटरिंग भी होगी।
स्तर सुधरेगा
एएन बंजारा और जिला शिक्षा अधिकारी का कहना हे कि स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए ये फैसला लिया गया है। अधिकारियों की देखरेख में स्कूलों का विकास सही तरीके से होगा। बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने से छात्रों को फायदा होगा।
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