सीबीएसई बोर्ड द्वारा घोषित रिजल्ट में बढ़ा पास प्रतिशत और टाॅपर्स की संख्या
सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 13 जुलाई सोमवार को घोषित किया। देश व्यापी कोरोना लाॅकडाउन के कारण कुछ परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा सका। शेष पेपरों को कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया।

सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 13 जुलाई सोमवार को घोषित किया। देश व्यापी कोरोना लाॅकडाउन के कारण कुछ परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा सका। शेष पेपरों को कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया। सीबीएसई बोर्ड द्वारा लंबित परीक्षाओं के आयोजन के लिए सम्भावित तारीख 1 जुलाई से 15 जुलाई घोषित की गई।
लेकिन कोरोना के लगातार बढते प्रकोप के बीच परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पाया है। इसके बाद बोर्ड ने परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए पूर्व में ली गई परीक्षाओं के अंकों के आधार पर परिणाम जारी करने का फैसला लिया गया। अंक तीन विषयों में सबसे बहतर अंकों के आधार पर दिये जाने का निर्णय लिया गया। सत्र 2019-2020 का परिणाम सोमवार को जारी किया गया इसमें पहले परिणामों के मुकाबले पास प्रतिशत वहुत बढ गया है।
टाॅपर्स की लिस्ट में भी काफी वृद्धि हुई है। सीबीएसई बोर्ड द्वारा जारी परिणाम में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों की संख्या बढ गई है। इस सत्र में सीबीएसई बोर्ड ने अंकन एक परिवर्तित योजना के तहत किया है।
छात्रों में कोरोना संक्रमण फैलने के भय से परिजनों ने परीक्षा आयोजन का विरोध किया और कोर्ट में याचिका भी दायर की। इन सारे पहलुओं पर विचार करते हुए बोर्ड ने लंबित परीक्षाओं के आयोजन को रद्द कर दिया। कोरोना के कहर में बोर्ड ने गुणवत्ता को महत्व न देकर रिकार्ड पर ध्यान देकर अंकन किया है।
इस सत्र में सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षा में कुल 1192961 छात्रों ने हिस्सा लिया था। जिनमें से 1059080 छात्र परीक्षा में पास हुए हैं। बोर्ड का कक्षा 12वीं का कुल परिणाम 88.78 प्रतिशत रहा है। इसके मुकाबले पिछले वर्ष यह परीक्षा परिणाम 83.4 रहा। जो इस वर्ष के परीक्षा परिणाम से 5 प्रतिशत कम था।
इस साल कुल छात्रों में से 38686 छात्रों ने उच्च अंक प्राप्त किये हैं। जबकि पिछले साल 1205484 छात्रों में से 17693 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये थे। जो पिछले वर्ष के छात्रों के मुकाबले दोगने से भी अधिक हैं। और 90 प्रतिशत से अधिक अंक भी इस साल पिछले वर्ष के छात्रों से अधिक छात्रों के हैं। पिछले वर्ष 7.82 प्रतिशत छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये थे जबकि इस साल 13.24 प्रतिशत छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं।
सीबीएसई बोर्ड से पहले सीआईएससीई बोर्ड ने परीक्षा परिणाम बिना मैरिट लिस्ट जारी किये घोषित किया था। यहीं निर्णय सीबीएसई बोर्ड द्वारा लिया गया है। फेल शब्द का प्रयोग बोर्ड की वेबसाइट और छात्र के कागजों पर प्रयोग नहीं किया गया है। जो छात्र परीक्षा में पास नहीं हुए उनके लिए परीक्षा दोहरान जैसे शब्द का प्रयोग किया गया है। सीबीएसई बोर्ड ने इस अंकन योजना में 400 छात्रों का परिणाम घोषित नहीं किया है।