कृषि क्षेत्र में अवसर हैं बेशुमार, ये पढ़ाई कर बना सकते हैं सफल करियर
हालांकि आजकल बहुत सारे युवा आईटी और कंप्यूटर सांइस के क्षेत्र को ही हॉट मानते हैं। लेकिन ट्रेडिशनल एग्रीकल्चर फील्ड में भी अवसरों की कमी नहीं है। अब तो आप बीएससी, एमएससी के अलावा इसमें इंजीनियरिंग करके भी बेहतरीन करियर की ओर अपने कदम बढ़ा सकते हैं। इस क्षेत्र में करियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बता रहे हैं लेखक, जो एग्री बिजनेस मैनजमेंट के विशेषज्ञ हैं।

सदियों से हमारा देश कृषि प्रधान देश रहा है। हमारे देश की आधे से अधिक जनसंख्या तो रोजगार के क्षेत्र में खेती से ही जुड़ी हुई है। भारत, एग्रीकल्चर के क्षेत्र में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर है। एग्रीकल्चर और इससे संबंधित क्षेत्रों जैसे वानिकी और मत्स्य पालन की, 2013 की जीडीपी में 13.।7% की हिस्सेदारी थी।
आने वाले समय में इसका ग्राफ और बढ़ने वाला है क्योंकि कृषि भूमि का छेत्रफल कम होता जा रहा है और जनसंख्या बढ़ती जा रही है। हर आदमी गुणवत्ता और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन चाहता है, जिसके लिए जरूरी है कि भूमि की कमी के चलते कम जगह में ही अच्छी पैदावार हो और ऐसा तभी मुमकिन है, जब टेक्नोलॉजी का सही प्रयोग किया जाए।
पिछले छह दशक से इस कार्य में युवाओं ने इसके गहन अध्ययन, शोध और प्रयोग में अपनी भूमिका निभाई है। इससे कृषि में भी आधुनिकता आई है, नवीन तकनीकों का प्रसार हुआ है। वैज्ञानिक तरीके से ऐसी खेती करने से आत्म-सम्मान के साथ-साथ समाज में एक अलग पहचान और बेहतर मुनाफे की प्राप्ति हुई है। लेकिन आज भी इस क्षेत्र में युवा शक्ति की कमी है यानी युवाओं के लिए यहां करियर की अथाह संभावना है।
ऐसे मिलेगी एंट्री
एग्रीकल्चर फील्ड में करियर बनाने के लिए आपको एग्रीकल्चर, मैथ्स या बायोलॉजी से इंटरमीडिएट पास होना चाहिए। तभी आप 12वीं के बाद बीएससी-एग्रीकल्चर/बीएससी–एग्रीकल्चर (ऑनर्स) कर सकते हैं। आप राष्ट्रीय, राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कृषि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें प्री एग्रीकल्चर टेस्ट (PAT ) या भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की परीक्षा उतीर्ण करनी होती है। कई विश्वविद्यालयों में 12वी के अंकों की मेरिट के आधार पर सीधा एडमिशन भी मिलता है।
कोर्स कंटेंट
एग्रीकल्चर से रिलेटेड कोर्स के अंतर्गत विभिन्न विषयों का अध्ययन वैज्ञानिक पद्धति से क्रमबद्ध रूप में कवाया जाता है। इसमें सेमेस्टर प्रणाली होती है। उस दौरान समस्त एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी के सभी विषयों पर प्रायोगिक और सैद्धांतिक रूप से गहन अध्ययन करवाया जाता है। इसमें फार्म मैनेजमेंट, प्रोडक्शन और प्रोटेक्शन, एग्री-इकोनॉमिक्स, बायोलॉजिकल साइंसेज, नेचुरल एंड सोशल साइंसेज, इंजीनियरिंग और फ़ूड साइंसटेक्नोलॉजी जैसे विषय भी शामिल होते हैं।
इसके साथ ही पशुपालन, कृषि और बागवानी प्रबंधन को भी शामिल किया जाता हैं। एग्रीकल्चर साइंस में डिप्लोमा, स्नातक और परास्नातक कोर्सेस उपलब्ध हैं।
डिप्लोमा कोर्स: 10वीं या 12वीं पास करने के बाद डिप्लोमा किया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्स की अवधि तकरीबन 3 साल होती है। लेकिन कई डिप्लोमा कोर्स 1-3 साल के भी होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं-
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर, डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिस,
डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग।
ग्रेजुएशन: ग्रेजुएट लेवल पर बीएससी-एग्रीकल्चर/ बीएससी–एग्रीकल्चर (ऑनर्स) मेन कोर्सेस हैं। कुछ संस्थाओं में बीएससी-एग्रीकल्चर/बीएससी–एग्रीकल्चर (ऑनर्स) के साथ एग्री बिजनेस मैनेजमेंट या एबीएम बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स भी संचालित हो रहा है। यह 5 वर्ष का कोर्स है। यह कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को अच्छा सैलरी पैकेज मिलता है।
मास्टर्स डिग्री: बैचलर डिग्री कोर्स पूरा करने वाले उम्मीदवार मास्टर्स डिग्री कर अपनी योग्यता बढ़ा सकते हैं। मास्टर डिग्री, पीजी डिप्लोमा और पीजी सर्टिफिकेट आप कर सकते हैं।
बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग: जो छात्र एग्रीकल्चर में इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, या इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं, वो यह कोर्स कर सकते हैं। यह भी चार साल का कोर्स है। इसमें एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के सभी विषयों का अध्ययन कराया जाता है।
एमटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग: यह कोर्स आप बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के बाद कर सकते हैं। इसमें विशेष रूप से फार्म इक्विपमेंट, मशीनरी मैन्युफेक्चरिंग, डिजाइन और डेवलपमेंट का अध्ययन करवाया जाता है।
पीएचडी कोर्स: अगर आपकी रुचि एग्रीकल्चर में टीचिंग करने की है तो पीजी कोर्स पूरा करने के बाद पीएचडी कर सकते हैं।
करियर स्कोप
वर्तमान समय में एग्रीकल्चर क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग बहुत ज्यादा है। इस फील्ड में आपको अच्छी सैलरी वाली जॉब आसानी से मिल सकती है। एग्रीकल्चर इंजीनियर के लिए एजी मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी, वाटर रिसोर्स यूनिट, फॉरेस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, रूरल डेवलपमेंट, एजी मशीन डेवलपमेंट आदि में जॉब के अवसर मिल सकते हैं। आजकल एग्रीकल्चर इंजीनियर, एनजीओ के साथ मिलकर भी विभिन्न प्रोजेक्ट और स्कीम पर काम करते हैं। कई एग्री बेस्ड रिटेल कंपनियां भी एग्री-साइंस ग्रेजुएट्स को जॉब के बेहतरीन मौके उपलब्ध करा रही हैं। एजी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च में भी जॉब के अच्छे अवसर हैं। इसके अंतर्गत कई संस्धान आते हैं। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा इंडियन फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा आयोजित की जाती है, उसमें भी आप अप्लाई कर सकते हैं।
सैलरी
आमतौर पर एजी ग्रेजुएट (बीएससी या बीटेक) फ्रेशर्स को शुरू में सालाना 2.5 से 3.5 लाख रुपए तक वेतन मिलता है। सैलरी पैकेज कैंडिडेट के जॉब रोल, स्किल्स और उनके बैचलर डिग्री से संबद्ध यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।
प्रमुख संस्थान
-इंदिरा गांधी कृषि विवि, रायपुर
वेबसाइट-www.igau.edu.in
-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, दिल्ली
वेबसाइट-www.icar.org.in
-पंतनगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पंतनगर
वेबसाइट-www.gbpuat.ac.in
सीसीएस एजी यूनिवर्सिटी, हिसार
वेबसाइट-www.ssp.hau.ernet.in