हवाई जहाज के पायलट-केबिन क्रू बनकर सपनों को देनी है उड़ान, ऐसे करें तैयारी
अगर आपका सपना करियर को भरपूर उड़ान देने का है तो आप पायलट या केबिन क्रू बन सकते हैं। इसके लिए आपको विशेष प्रशिक्षण लेना होगा। प्रशिक्षण और अनुभव के बाद आप शानदार करियर की ओर अपने कदम बढ़ा सकते हैं। इसका प्रशिक्षण कहां मिलेगा और उसमें प्रवेश कैसे मिलेगा, इस बारे में विस्तार से जानिए।

भले ही इन दिनों लॉकडाउन की वजह से देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं बंद हैं। लेकिन स्थिति सामान्य होते ही विमान सेवाएं चालू हो जाएंगी। देश-विदेश के शहरों की यात्रा को बहुत कम समय में पूरा करने में इनकी सबसे बड़ी भूमिका होती है। और इस सेवा के दो महत्वपूर्ण प्रोफेशनल हैं-पायलट और केबिन क्रू।
भविष्य है उज्ज्वल
अब से कुछ समय पूर्व प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष दो स्थानों पर अमेरिका और चीन कायम रहेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में भारत वैश्विक विमानन बाजार में सातवें स्थान पर है। वर्ष 2020 के अंत तक जर्मनी और जापान को तथा वर्ष 2023 तक स्पेन को पीछे छोड़ देगा।
इसके बाद वर्ष 2024 के अंत तक वह ब्रिटेन को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत में वर्तमान में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 18.28 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इस प्रकार की चमकीली संभावनाओं को देखते हुए हमारे देश में कम लागत में हवाई यात्रा कराने वाली एयरलाइंस की संख्या बहुत बढ़ गई है तथा उनमें रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पायलट और केबिन क्रू एयरलाइंस इंडस्ट्री के सबसे डिमांडिंग करियर ऑप्शन हैं।
पायलट
एक वाणिज्यिक (कमर्शियल) पायलट बनकर आप रोमांचक तथा आकर्षक जीवन बिताने के अपने सपने को साकार कर सकते हैं, साथ ही शानदार सैलरी पैकेज प्राप्त कर सकते हैं। यकीनन पायलट का करियर अधिकतर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है लेकिन पायलट बनना इतना आसान भी नहीं होता है। पायलट बनने के लिए अतिविशिष्ट योग्यताएं होना आवश्यक हैं।
पायलट का शारीरिक तथा मानसिक रूप से पूर्णत: स्वस्थ होना जरूरी होता है। पायलट का कार्य बहुत कठिन तथा चुनौतीपूर्ण होता है। पायलट को विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाने पड़ते हैं। विमान उड़ाने के लिए अत्यधिक शारीरिक श्रम की आवश्यकता चाहे न हो, परंतु हर तरह के मौसम में यात्रियों से भरे किसी विमान की सुरक्षित उड़ान की जिम्मेदारी का मानसिक दबाव बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।
ऐसे मिलती है एंट्री
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रत्येक वर्ष दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पटना, गुवाहाटी, भोपाल भुवनेश्वर, हैदराबाद, बैंगलुरु, कोच्चि सहित देश के कई बड़े शहरों में पायलट लाइसेंस परीक्षा संचालित करता है। कोई भी ऐसा उम्मीदवार जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, भौतिकी एवं गणित अनिवार्य विषयों के रूप में लेकर विज्ञान विषय समूह से 12वीं या जिसने किसी भी इंजीनियरी विधा में डिप्लोमा प्राप्त किया है, वह भारत में वाणिज्यिक पायलट बनने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। कमर्शियल पायलट बनने में लगभग 15 से 20 लाख रुपए खर्च होते हैं।
स्टूडेंट पायलट लाइसेंस- कमर्शियल पायलट बनने की दिशा में पहला कदम एसपीएल (स्टूडेंट पायलट लाइसेंस) प्राप्त करना होता है, जो कि नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार या विदेश स्थित किसी प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त किसी उड़ान (फ्लाइंग) क्लब में पंजीकरण के लिए जरूरी माना जाता है। इसके लिए आवेदन करने हेतु कम से कम 16 वर्ष की आयु का होने के साथ सामान्यत: 12वीं (भौतिकी, रसायन एवं गणित विषय समूह के साथ) न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इस परीक्षा को जब आप सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर लेते हैं, तब आप एक स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्रमाणपत्र के साथ वाणिज्यिक पायलट बनने की दिशा में अपनी पहली सीढ़ी पार कर लेते हैं। इस लाइसेंस के आधार पर आप फ्लाइंग क्लब में प्रवेश लेकर छोटे एक-दो सीटर विमान उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
प्राइवेट पायलट लाइसेंस (पीपीएल)- मनोरंजन के लिए या प्राइवेट स्पोर्ट्स के रूप में उड़ान भरने के लिए पीपीएल एक आवश्यक लाइसेंस होता है। पीपीएल अपने लाइसेंसधारियों को ऐसे विमानों के पायलट अथवा को-पायलट के रूप में उड़ान भरने का अवसर प्रदान करते हैं, जो विमान सार्वजनिक परिवहन या हवाई कार्य के उद्देश्य से नहीं उड़ाए जाते हैं। पीपीएल प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार के पास कुल 60 घंटों के उड़ान अभ्यास का होना आवश्यक होता है।
कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल)- एक कमर्शियल पायलट लाइसेंस, व्यापक सैद्धांतिक परीक्षा तथा विमानन पर डीजीसीए की परीक्षा तथा चिकित्सा स्वास्थ्य परीक्षा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद दिया जाता है। सीपीएल के बाद इंस्ट्रूमेंटिंग और टाइप रेटिंग प्रमाणन भी आवश्यक होता है। कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के बाद आप सार्वजनिक परिवहन के विमानों को उड़ा सकते हैं। गौरतलब है कि देश में कमर्शियल पायलटों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने हाल ही में पायलट लाइसेंस हासिल करने के नियम आसान कर दिए हैं।
केबिन क्रू
किसी विमान पर तैनात स्टाफ को सामान्यत: दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। एक उड़ान कर्मी (फ्लाइट क्रू) तथा दूसरा केबिन कर्मी (केबिन क्रू)। पहले वर्ग में वे कर्मी होते हैं, जो विमान को उड़ाते हैं तथा केबिन क्रू के कर्मी विमान के यात्री क्षेत्र में कार्य करते हैं। केबिन क्रू में उड़ान सहायक, स्टीवर्ड्स तथा एयर होस्टेस शामिल होती हैं। केबिन क्रू उड़ान के दौरान यात्रियों के आराम तथा सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होते हैं।
गौरतलब है कि केबिन क्रू के रूप में कार्य करना एक आकर्षक कार्य माना जाता है। इनके कार्यों में शामिल हैं- विमान पर यात्रियों के चढ़ते या उतरते समय उनका अभिवादन करना। यात्रियों को उनका स्थान बताना तथा वृद्ध,दिव्यांग तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखना। भोजन एवं अल्पाहार परोसना। आपातकालीन उपकरणों एवं सुरक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन तथा फ्रस्ट एड कार्य। इसके अलावा आपात स्थितियों से निपटना, यात्रियों को समाचार पत्र, पत्रिकाओं तथा उड़ान के दौरान मनोरंजन के साधनों का विवरण बताना तथा ड्यूटी-फ्री वाणिज्यिक वस्तुओं की बिक्री और विक्रय लक्ष्य प्राप्त करना। यात्रा समाप्त होने के उपरांत लिखित उड़ान रिपोर्ट तैयार करना।
एंट्री प्रोसेस
केबिन क्रू बनने के लिए किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री या 12वीं परीक्षा के साथ होटल प्रबंधन और हॉस्पिटेलिटी में तीन वर्षीय डिप्लोमा तथा हिंदी और अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक होता है। उम्मीदवार शारीरिक रूप से स्वस्थ तथा आकर्षक व्यक्तित्व वाला होना चाहिए। आयु सीमा 25 वर्ष से कम होनी चाहिए। उम्मीदवार की न्यूनतम ऊंचाई 170-180 सेमी. होनी चाहिए। चश्मे के बिना सामान्य नेत्र दृष्टि हो। उम्मीदवार अविवाहित होना चाहिए।
गौरतलब है कि अनुभव प्राप्त करने के बाद केबिन क्रू पर्यवेक्षक बन सकते हैं तथा उन्हें अपने से कनिष्ठ केबिन क्रू के कार्यों की निगरानी करने का दायित्व सौंपा जाता है। अधिकांश एयरलाइंस अपने केबिन क्रू को उनकी उपयुक्तता के आधार पर एयरलाइंस में अन्य कामों का विकल्प भी प्रदान करती हैं। कुछ एयरलाइंस वरिष्ठ केबिन क्रू सदस्यों को प्रशासनिक एवं अन्य कार्य भी सौंपती हैं।
प्रमुख संस्थान
-भारतीय विमानन अकादमी, मुंबई
वेबसाइट-www.iaa.edu.in
-राजकीय विमानन प्रशिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर
वेबसाइट- www.flywithgati.com
-आरजीएनएयू, रायबरेली
वेबसाइट- www.rgnau.ac.in
-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, बरेली
वेबसाइट- www.igrua.gov.in