अभाविप और एनएसयूआई ने तनख्वाह संबंधी निर्देश पर किया दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली सरकार ने छह महाविद्यालयों-- दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी बीएड महाविद्यालय, केशव महाविद्यालय, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता महाविद्यालय और शहीद सुखदेव व्यावसायिक अध्ययन महाविद्यालय के विशेष ऑडिट का आदेश दिया है।

नयी दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों को छात्र समिति कोष (एसएसएफ) से कर्मियों के बकाये वेतन का भुगतान करने के निर्देश को लेकर मंगलवार को यहां अलग-अलग प्रदर्शन किया।
पुलिस के अनुसार दिल्ली सचिवालय पहुंचने से पहले ही 53 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि यह कोष विद्यार्थियों से वसूले गये शुल्क का हिस्सा है और विश्वविद्यालय का विधान कहता है कि उसका उपयोग शिक्षकों की तनख्वाह के लिए नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ''एक तरफ, दिल्ली सरकार कहती है कि वह शिक्षा के लिए इतने बड़े बजट का आवंटन करती है, तो दूसरी तरफ वह वेतन के भुगतान के लिए अनुदान देने को तैयार नहीं है। हम मांग करते हैं कि आदेश को रद्द किया जाए और सरकार इन महाविद्यालयों के लिए अनुदान जारी करे।''
अभाविप के दिल्ली सचिव सिद्धार्थ यादव ने कहा, ''अपने प्रबंधन में आने वाले महाविद्यालयों में फीस वृद्धि की श्रृंखला के बाद, विद्यार्थियों के पैसे को हड़पने को वैध ठहराने वाला हाल का यह निर्देश दिल्ली सरकार द्वारा छात्र समुदाय पर एक और हमला है। दिल्ली सरकार अपनी अक्षमता को छिपाने और एसएसएफ कोष का विद्यार्थी कल्याण से इतर कार्यों में लगाने को सही ठहराने के लिए कोविड-19 महामारी को सुविधाजनक बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।''
उन्होंने कहा, '' यही समय है कि इन 12 महाविद्यालयों, जहां शिक्षकों से लेकर शिक्षणेत्तर कर्मियों एवं विद्यार्थी तक दिल्ली सरकार की उदासीनता एवं अक्षमता से त्रस्त है, का प्रबंधन एवं नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथों में दे दिया जाए।'' 'चलो दिल्ली सचिवालय' मार्च को पुलिस ने सचिवालय भवन से पहले ही रोक दिया। प्रदर्शनकारी विद्यार्थी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गये।
दिल्ली विश्विद्यालय छात्र संघ के प्रमुख अक्षित दहिया ने कहा, ''जब शिक्षकों को मुआवजा नहीं मिला तो नि:संदेह विद्यार्थी प्रभावित हुए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है कि दिल्ली सरकार उस धन का दुरूपयोग करे जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का है। सरकार की निरंतर बेरूखी के चलते हम दिल्ली उच्च न्यायालय जायेंगे और उससे इस विद्यार्थी विरोधी निर्देश को रद्द करने का अनुरोध करेंगे। हम एसएसएफ का एक भी पैसा वर्तमान देनदारियों में नहीं जाने देंगे।''
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 53 प्रदर्शनकारी हिरासत में लिये गये और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने उसके द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 महाविद्यालयों को कर्मचारियों की तनख्वाह का भुगतान छात्र समिति कोष से करने का निर्देश दिया था। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के संघ और अधिकारियों ने इस कदम का विरोध किया था।
दिल्ली सरकार ने छह महाविद्यालयों-- दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय, महर्षि वाल्मिकी बीएड महाविद्यालय, केशव महाविद्यालय, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता महाविद्यालय और शहीद सुखदेव व्यावसायिक अध्ययन महाविद्यालय के विशेष ऑडिट का आदेश दिया है।
सरकार और उसके द्वारा वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों के बीच अनुदान को जारी करने को लेकर टकराव चल रहा है। महाविद्यालयों का कहना है कि धन नहीं जारी किये जाने के कारण तीन महीने से वे कर्मियों का वेतन नहीं दे पाये हैं।