12वीं की परीक्षा देने पहुंचे 65 वर्षीय सत्यपाल, ऐसा था नजारा
पढ़ने के लिए आयु सीमा कोई आड़े नहीं आती। यह साबित कर दिखाया है कैथल के गांव नौच के 65 वर्षीय सत्यपाल ने।

पढ़ने के लिए आयु सीमा कोई आड़े नहीं आती। यह साबित कर दिखाया है कैथल के गांव नौच के 65 वर्षीय सत्यपाल ने। सत्यपाल सोमवार को कैथल के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं की परीक्षा देने पहुंचे थे। जब वे सीटिंग प्लान में रोल नंबर देख रहे थे तो ऐसा लगा कि शायद वे अपने बेटे का बेटी के लिए सीटिंग प्लान देख रहे हों लेकिन पूछने पर उसने बताया कि वह अपने स्वयं के लिए सीटिंग प्लान देख रहा है।
खेती बाड़ी करने वाले सत्यपाल ने बताया कि अब उसने पढ़ाई की कीमत को जाना है। उसने बताया कि उसका बेटा भी अब 10वीं की परीक्षा दे रहा है। उसने भी दो साल पूर्व दसवीं की परीक्षा की थी। वह उच्च स्तर की शिक्षा लेना चाहता है ताकि वह रोजगार हासिल कर सके। इसके साथ ही वह अपने बच्चों को भी पढ़ा रहा है ताकि वे भी उच्च शिक्षा हासिल कर समाज व देश के विकास मे योगदान दे सकें।
उसने बताया कि पढ़ाई के बिना कुछ नहीं है। खेती बाड़ी आज बढ़ती लागत के चलते घाटे का सौदा बनकर रह गई है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे साथ-साथ में अपनी योग्यता को बढ़ाएं ताकि वे खेती के साथ-साथ अन्य सहयोगी रोजगार व स्वरोजगार कर सकें।