खुले में गायों के शव फेंकने वालों पर होगी सख्ती, बनाना पड़ेगी समाधि खाद

- सरकारी अनुदान वाली बीस गौशालाओं में होगी निगरानी
- मृत गायों के शवों को खुले में फेंकना होगा बंद
भोपाल। बैरसिया के बसई में गौसेवा भारती गौशाला में सौ से अधिक गायों के शव मिलने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। जिसके तहत शहर की सभी 20 सरकारी अनुदान वाली गौशालाओं के संचालकों को हिदायत दी गई है कि वह इन गौशालाओं में गायों के मृत होने की सूचना पशुपालन विभाग को देने के साथ गायों के शवों की समाधि खाद बनाएं, जिससे गायों के मृत शरीरों का ठीक ढंग से डिस्पोजल किया जा सके।
राजधानी में सरकारी अनुदान वाली गौशालाओं में करीब पांच हजार गायों की देखरेख की जा रही है। इनमें से अधिकतर गायें बीमार और अधिक उम्र की हैं, जिसकी वजह से इनकी मृत्यु दर अधिक है। ऐसे में गौशाला संचालक गायों के मृत होने पर उन्हें आसपास खुली जगहों में फेंक देते हैं। ऐसे में गंदगी होने के साथ वीभत्स दृश्त भी नजर नहीं आएंगे। पशुपालन विभाग ने सभी गौशालाओं में रहने वाली गायों के स्वास्थ्य की जांच भी शुरु कर दी है। ऐसे में बीमार गायों को अलग कर उनकी अलग से देखभाल की जा रही है। बैरसिया एसडीएम आदित्य जैन का कहना है कि क्षेत्र की सभी गौशालाओं में मृत गायों के शरीरों को गड्डा खोदकर दफनाने की हिदायत दी गई है।
- कैसे बनती है जानवरों की समाधि खाद
जानवर की मृत्यु होने पर उसके गहरा गड्ढा कर दफना दिया जाता है। जिसमें नमक सहित अन्य चीजें डाली जाती हैं। ऐसा करने से अगले एक साल में गाय का मृत शरीर और हड्डियों से समाधि खाद बन जाती है। जिसका उपयोग पेड़-पौधों के लिए किया जाता है।