सीएम नीतीश कुमार को पडांरक हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, जानें क्या था पूरा मामला
सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ लगे आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए बड़ी राहत की खबर दी है। अदालत ने पिछले 28 सालों के पुराने पडांरक हत्याकांड मामले पर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगे आरोप पर अपना फैसला सुनाते हुए बड़ी राहत की खबर दी है। अदालत ने पिछले 28 सालों के पुराने पडांरक हत्याकांड मामले पर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है।
आपको बता दें कि हत्याकंड मामले में नीतीश कुमार समेत पांच लोगों पर आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज किया गया था। जिसकी जांच होने के बाद दोष मुक्त कर दिया गया। इस मामले पर फिर 2009 में मृतक के भाई अशोक सिंह ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे 15 मार्च 2019 में याचिका को खारिज कर दिया गया।
उसके बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई, जिस पर कोर्ट ने आज अपना सुनाते हुए सीएम को दोषी मुक्त कर दिया गया है।
1991 में विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ पडांरक हत्याकांड
16 नवंबर 1991 को विधानसभा चुनाव के दौरान बाढ़ के संसदीय क्षेत्र का पूरा मामला है। जहां मतदान के बाद एक युवक सीताराम सिंह को दिनदहाड़े गोली मार दी गई। इस घटना के तहत सीएम समेत पांच लोगों पर आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज किया गया था।
जिसकी 28 साल से जांच होने के बाद अब जाकर नीतीश कुमार को आरोप मुक्त कर दिया गया है। दरअसल मृतक के भाई का आरोप था कि जब हम दोनों मतदान कर घर लौट रहे थे तो उसी वक्त नीतीश कुमार समेत उनके कुछ समर्थकों ने हमारे पास आकर पूछा कि वोट किस पार्टी को दिए, जवाब में जब हमनें कहा कि कांग्रेस को वोट दिया तो उन्होनें मेरे भाई को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई ।