सफाई कर्मचारियों ने मरे हुए कुत्तों को लटकाकर किया प्रदर्शन, यूजर्स पूछ रहे ये अधिकार किसने दिया
बिहार में सफाई कर्मचारियों को हटाकर निजी कंपनी को ठेका दिया गया है। जिसके बाद सफाई कर्मचारियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन के दौरान मरे हुए कुत्तों को लटका दिया। जिसके बाद यूजर्स पूछ रहे हैं कि यह अधिकार इन्हें किसने दिया।

बिहार के पटना में सफाई कर्मचारियों का मानवता को शर्मसार करने वाला प्रदर्शन देखने को मिला है। सफाई कर्मचारियों ने नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के नाम पर मरे हुए कुत्तों को लटकाकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना हो रही है।
बिहार में सफाई कर्मचारियों को हटाकर निजी कंपनी को ठेका दिया गया है। जिसके बाद सफाई कर्मचारियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया है। पटना में किए गए प्रदर्शन के दौरान मरे हुए कुत्तों को चौराहे पर लटकाया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री के नाम पर उनका नामकरण किया गया है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इसका समर्थन करते हुए फोटो साझा किए हैं।
बिहार में सफाईकर्मियों को हटा कर निजी कंपनी को ठेका दिया जा रहा है निजीकरण का सबसे पहला शिकार बहुजन समाज के लोग होते है। इस ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ पूरे बहुजन समाज के लोगों को एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिए ताकि हमारे लोगों की नोकरियों को बचाया जा सके। pic.twitter.com/4cj1D2wTSQ
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) February 7, 2020
सोशल मीडिया पर आलोचना शुरू
सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन में मरे हुए कुत्तों को लटकाने पर आलोचना शुरू हो गई है। यूजर्स पूछ रहे हैं कि यह अधिकार किसने उन्हें दिया है। पत्रकार साक्षी जोशी ने चंद्र शेखर आजाद से पूछा है कि इन बेजुबानों के साथ इस तरह अत्याचार करने का अधिकार हमें किसने दिया? विरोध के लिए इस स्तर तक न गिरें। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण । मुझे हैरानी है खुद को इंसान कहने वाले वहां खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं?
ये कैसा विरोध है @BhimArmyChief ?? इन बेजुबानों के साथ इस तरह अत्याचार करने का अधिकार हमें किसने दिया?
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) February 8, 2020
विरोध के लिए इस स्तर तक न गिरें। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण । मुझे हैरानी है खुद को इंसान कहने वाले वहां खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं? https://t.co/i4PIIzUqU7
इसके बाद पत्रकार दिलीप मंडल ने मामले में सफाई दी है। उन्होंने लिखा कि जिंदा इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए मर चुके कुत्तों को सड़कों से लाकर टांगा है। किसी पर कोई अत्याचार नहीं हुआ। आलोचना करने की बजाए चैनलों को इन सफाई कर्मचारियों की व्यथा कथा पर कार्यक्रम करना चाहिए। सफाई कर्मचारी 10 दिन काम न करें तो देश की 10-20% आबादी बीमार होकर मर जाएगी
जिंदा इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए मर चुके कुत्तों को सड़कों से लाकर टांगा है. किसी पर कोई अत्याचार नहीं हुआ.
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 9, 2020
आलोचना करने की बजाए चैनलों को इन सफाई कर्मचारियों की व्यथा कथा पर कार्यक्रम करना चाहिए.
सफाई कर्मचारी 10 दिन काम न करें तो देश की 10-20% आबादी बीमार होकर मर जाएगी https://t.co/9hT4WCAOh3
इसके बाद पत्रकार साक्षी जोशी ने इसको लेकर करारा जवाब दिया है। साक्षी जोशी ने कहा कि आप चाहते तो उनके शव वहां रख भी सकते थे। लटकाकर आपने वही सोच दिखाई है जिसके खिलाफ आप लड रहे हैं। बेहद निर्दयी तस्वीर है। पर कुतर्क के कई तरीके हैं आप लोग करते रहिए।