तेजस्वी यादव पर बढ़ा इस्तीफे का दवाब, नीतीश ने कहा- महागठबंधन पर कोई खतरा नहीं
28 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है।

बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर चल रहे अटकलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बयान ने विराम दे दिया है। नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के सहयोग से चल रही उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
नई दिल्ली में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार को लेकर लगे आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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एक नेशनल टीवी चैनल ने नीतीश कुमार से पूछा था कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग के जोर पकड़ते चले जाने से राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच दरार की खबरें जोर पकड़ रही हैं, तो क्या इससे उनकी सरकार गिर सकती है, उसके बाद उनका कहना था कि उनकी सरकार पूरी तरह स्थिर है, और इस विवाद से उसे कोई खतरना नहीं है।
कम हो जाएंगे एक-दूसरे पर हमले-
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद बिहार में महागठबंधन में जारी खींचतान पूरी तरह खत्म हो जाएगी और जदयू के साथ राजद नेताओं की बयानबाजी कम होगी हालांकि, लगातार जदयू नेता तेजस्वी यादव और राजद से सफाई मांग रहे हैं, यहां तक राजद के कई वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी जदयू प्रवक्ताओं को लेकर बयान दिया था। फिलहाल, सबकी निगाहें राजद विधानमंडल दल की बैठक और नीतीश के पटना आगमन पर टिकी हुई है।
मानसून सत्र के लिए बढ़ा दबाव
भले ही मुख्यमंत्री ने बयान देकर सरकार का बचाव किया हो लेकिन बिहार में आरजेडी, जेडीयू) और कांग्रेस महागठबंधन के बीच विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर टकराव बढ़ता जा रहा है।
इसी मामले को लेकर तीनों पार्टियों ने अपने-अपने विधायक दल की बैठक बुलाई, लेकिन महागठबंधन विधायक दल की मीटिंग को लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।
इधर दबाव, लालू परिवार पर करप्शन के आरोप और सीबीआई की एफआईआर के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दवाब बढ़ता जा रहा है।
उधर दबाव मुक्त, नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिल्ली में कहा कि गठबंधन चलाना सामूहिक (आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू की) जिम्मेदारी है। उनकी सरकार को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।
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26-27 को बैठकें 28 जुलाई से मानसून सत्र
आरजेडी और कांग्रेस के विधायक दल की मीटिंग अलग-अलग जगहों पर 26 जुलाई बुलाई गई है। वहीं, जेडीयू के विधायक दल की मीटिंग एक दिन बाद 27 जुलाई को होगी।
वहीं इस मामले को तूल दे रही भाजपा और एनडीए विधानमंडल ने भी अपने विधायकों की मीटिंग 26 जुलाई को बुलाई। भाजपा के नेता मानसून में तेजस्वी का इस्तीफा न देने पर विधानसभा में हंगामे की चेतावनी दे चुके हैं।
अब ये बचते हैं विकल्प
* जेडीयू ने पहले विकल्प के रूप में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे को रखा है। इसके लिए नैतिकता को आधार बनाया है
* आरजेडी इस्तीफा नहीं देने पर अड़ा हुआ है। लिहाजा सीएम जीरो टॉलरेंस वाली छवि को बचाने तेजस्वी को बर्खास्त कर सकते हैं।
* जेडीयू के सख्त तेवर देखकर कांग्रेस को आरजेडी पर तेजस्वी का इस्तीफा देने दबाव डाल सकती है। या समझौता करवा सकती है
* जेडीयू अगर आरजेडी को मनाने और कांग्रेस को अपने पक्ष में लाने में नाकाम रहा तो भाजपा के बारे में सोचेगा।
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