बिहार टॉपर घोटालाः नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, बिहारियों को ठहराया इसका जिम्मेदार
हमारे इन कदमों से परीक्षा में सुधार हो रहा है।

बिहार टॉपर घोटाले पर पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। नीतीश ने कहा कि बिहार के लोग ही बिहार की छवि खराब कर रहे हैं। हमने नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए इसलिए ऐसा रिजल्ट आया। हमारे इन कदमों से परीक्षा में सुधार हो रहा है।
टॉपर घोटाले में पुलिस को सबसे बड़ी सफलता संजय नाम के शख्स की गिरफ्तारी से मिली। संजय को नकल माफिया गुट से जुड़ा बताया जा रहा है। संजय पटना में शिक्षा माफिया के रूप में जाना जाता था। वह पटना से पूरे बिहार में अपना नेटवर्क चला रहा था। उसी ने बिहार बोर्ड के इस साल के इंटर आर्ट्स के फर्जी टॉपर रहे गणेश कुमार का मैट्रिक और इंटर में फॉर्म भरवाने में मदद की थी।
इस मामले में रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर कॉलेज के संचालक और बीजेपी नेता जवाहर प्रसाद सिंह और उनके प्रिंसिपल बेटे अभितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है। दोनों अभी फरार हैं।
गणेश को आईपीसी की धारा 417 , 418, 419, 420, 466, 468, 208, 201, और 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। 2 जून को बीएसईबी के सेक्शन अफसर बिपिन कुमार सिंह ने गणेश के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। पटना के एसएसपी मनु महाराज ने गणेश से पूछताछ के बाद कहा कि आर्ट्स ”टॉपर” कोलकाता की चिट फंड कंपनी के 15 लाख रुपये गबन करने का दोषी था।
उन्होंने बताया कि वह झारखंड के गिरीदीह में एक चिट फंड कंपनी का कर्मचारी था। उन्होंने बताया कि साल 2013 में वह पटना से भाग गया था, क्योंकि लोग उस पर चिट फंड कंपनी की ओर से लिए गए पैसे वापस देने का दबाव बनाने लगे थे।
गणेश को आईपीसी की धारा 417 , 418, 419, 420, 466, 468, 208, 201, और 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। 2 जून को बीएसईबी के सेक्शन अफसर बिपिन कुमार सिंह ने गणेश के खिलाफ कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी।
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