शरद यादव ने राज्य सभा की सदस्यता पर मंडराते संकट पर तोड़ी चुप्पी
जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी और राज्य सभा की अपनी सदस्यता पर मंडराते संकट पर चुप्पी तोड़ दी है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 13 Sep 2017 4:17 PM GMT
जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी और राज्य सभा की अपनी सदस्यता पर मंडराते संकट पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं सिद्धांत और संविधान बचाने की है।
जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता पर मंडराते संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं सिद्धांत और संविधान बचाने के लिए है।
यादव ने कहा कि उन्हें राज्यसभा से सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस मिल गया है, जिसका वो माकूल जवाब भी जल्द देंगे। उन्होंने कहा कि तमाम कानूनी पहलुओं को उनके वकील देख रहे हैं।
राज्यसभा की सदस्यता जाने के सवाल पर यादव ने कहा, 'हम पहाड़ से लड़ रहे हैं तो यह सोच कर ही लड़ रहे हैं कि चोट तो लगेगी ही। राज्य सभा की सदस्यता बचाना मामूली बात है, हमारी लड़ाई साझी विरासत बचाने की है। सिद्धांत के लिए हम पहले भी संसद की सदस्यता को दो बार छोड़ चुके हैं।'
इसके साथ ही यादव ने साफ किया कि चुनाव आयोग में उन्होंने नहीं बल्कि जदयू से निष्किसत महासचिवों ने अपना दावा पेश किया है। हालांकि इसमें वो महासचिवों के ही साथ हैं।
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