सैनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब हो सकती है 7 साल की जेल
बिहार के पटना जंक्शन के पास रेलवे अस्पताल में स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया। इसके अलावा सैनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बिहार सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। पटना जंक्शन के पास रेलवे अस्पताल में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 10 बेड वाला स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। डॉक्टरों के अनुसार इस वार्ड में मरीजों से जुड़ी सभी जरूरी मेडिकल चेकअप और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
अस्पताल मं एक कंट्रोल रूम बनाय गया है। साथ ही एक नोडल ऑफिसर को भी तैनात किया गया है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोगों में खौफ पैदा हो गया है। जिससे बाजार में सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सैनिटाइजर और मास्क के बढ़ते बिक्री को देखते हुए सभी दुकानदार दुगनी कीमत पर बेचना शुरू कर दिया। जहां 10 रुपये के मास्क को 20- 30 में बेचा जा रहा हैं, तो वहीं सैनिटाइजर के भी दुगने दाम हो गए है। कई जगह तो इसके स्टॉक भी खत्म हो चुके हैं।
सैनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी पर सात साल की सजा
दुकानदार अपनी मनमानी के तहत कालाबाजारी चला रहे हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने कहा कि देश में कोरोना वायरस मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने सैनिटाइजर और मास्क ( दो लेयर, तीन लेयर, सर्जिकल मास्क और एन-95) को अवाश्यक वस्तु में शामिल करने की अधिसूचना जारी की है।
अगर सैनिटाइजर और मास्क की कोई कालाबाजारी करता है, तो उसे सात साल तक की जेल हो सकती है। बता दें कि बिहार में 142 मरीजों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। जिनमें से 73 मरीजों को छुट्टी दे दी गई। वहीं, पीएमसीएच, एसकेएमसीएच, एनएमसीएच सहित बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध कोरोना के मरीजों की जांच की जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी भी मरीज में कोरोना वायरस नहीं पाया गया।