पीएम मोदी को जिताने वाले बने नीतीश के नए साथी, जानें कौन हैं प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर को जानने के लिए हमें 2014 के लोकसभा के चुनाव को जानना होगा। गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को गुजरात के वाइब्रेंट गुजरात से निकल कर भारत के पटल पर आने की राह में थे।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 16 Sep 2018 1:24 PM GMT
प्रशांत किशोर को जानने के लिए हमें 2014 के लोकसभा के चुनाव को जानना होगा। गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को गुजरात के वाइब्रेंट गुजरात से निकल कर भारत के पटल पर आने की जुगत में थे।
उस वक्त के हुए लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की रणनीति ही थी जिन्होंने मोदी को विजयी रथ को दिल्ली पहुंचाया था। इसके बाद दिल्ली के तख्त का ताज मोदी के सिर पर सजा।
प्रशांत किशोर की सही स्ट्रेटेजी और भारत की राजनीति में नया प्रयोग ही था जिसने युवाओं के बीच मोदी की एक लहर पैदा कर दी थी। हर तरफ मोदी ही मोदी की बात होने लगी थी।
इस मोदी आंधी में विपक्ष संभल नहीं पाया और मोदी जीत गए। इसके बाद प्रशांत किशोर भारतीय मीडिया ही नहीं विदेशी मीडिया में जाना पहचाना नाम हो गए।
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मोदी को जिताने के बाद प्रशांत किशोर वापस अपने गृह राज्य बिहार आ गए। नीतीश कुमार ने मौके की नजाकत को समझते हुए प्रशांत किशोर को अपना चुनावी सलाहकार रख लिया।
किशोर ने सात निश्चय योजना लाकर नीतीश कुमार को विपक्ष पर अजेय बढ़त दिला दी। हालांकि यहां नीतीश को लालू का भी साथ मिला तब भाजपा विपक्ष की कुर्सी पर बैठी।
अब हालात बदले बदले हैं। बिहार की फिजा में भाजपा और जदयू की सरकार है। कभी मोदी के सहयोगी रहे प्रशांत अब नीतीश के जदयू में शामिल हो चुके हैं।
नीतीश कुमार ने हालांकि उन्हें पहले ही मंत्री का दर्जा दे दिया था मगर अब जब प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है तो लाजिमी है कि भाजपा इस राह में रोड़े नहीं बिछाएगी।
भाजपा और जदयू दोनों के सहयोगी रुख से प्रशांत किशोर की राह आसान हो गई है जिसका फायदा इन्हें आने वाले चुनाव में मिलेगा।
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