बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने पेश किया नया विधेयक, बदले शराबबंदी के नियम
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी का नया विधेयक पेश करते हुए कहा कि हमनें गरीबों के लिए शराबबंदी लागू की है। गरीब परिवार की कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में जा रहा था और घेरलू हिंसा बढ़ रही थी लेकिन शराबबंदी ने इससे राहत दिलाने का काम किया है।

बिहार विधानसभा मानसून सत्र चल रहा है। इस दौरान शराबबंदी को लेकर चर्चा में रही जदयू सरकार ने नया विधेयक पेश किया है। विधानसभा में नया विधेयक पास कर दिया गया है। नए विधेयक में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। पहले के नियम के आधार पर थोड़ी रियायत बरती गई है।
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सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी का नया विधेयक पेश करते हुए कहा कि, हमनें गरीबों के लिए शराबबंदी लागू की। गरीब परिवार की कमाई का बड़ा हिस्सा शराब में जा रहा था और घेरलू हिंसा बढ़ रही थी लेकिन शराबबंदी ने इससे राहत दिलाने का काम किया है।
#UPDATE : The new liquor bill has been passed in Bihar Assembly. https://t.co/TAjTzIuC5l
— ANI (@ANI) July 23, 2018
जान लें कि नए विधेयक में संसोधन किए गए हैं। जैसे कि पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान था तो वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना का प्रवाधान है। नए विधेयक में होटल में शराब पीते पकड़े जाने पर पूरा परिसर नहीं सील किया जाएगा। सिर्फ वही कमरा सील होगा जिसमें शराब मिलेगी। इसके लिए आवश्यक कार्रवाई का अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा। इस प्रकार के कुछ अहम बदलाव लाए गए हैं।
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी 5 अप्रैल 2016 से लागू है। बिहार में मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू है। शराबबंदी के बाद बिहार में शादी-पार्टी के दौरान मारपीट की घटना में कमी आई तो वहीं घरेलू हिंसी की शिकार महिलाओं ने इसका स्वागत किया था।
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