Live: चमकी बुखार से बिहार में हाहाकार, अबतक 117 बच्चों की मौत, झारखंड के बाद राजस्थान में अलर्ट
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या अब 117 हो गई है। अभी भी 440 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं 16 नए मामले सामने आए हैं। बीते दिन ही 19 बच्चों को भर्ती करवाया गया था। मुजफ्फरपुर ही नहीं अब मोतिहारी, बेगूसराय में भी बच्चों को चमकी बुखार ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या अब 117 हो गई है। अभी भी 440 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं 16 नए मामले सामने आए हैं। बीते दिन ही 19 बच्चों को भर्ती करवाया गया था। मुजफ्फरपुर ही नहीं अब मोतिहारी, बेगूसराय में भी बच्चों को चमकी बुखार ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
लाइव अपडेट (Live Update)-
मुजफ्फरपुर के SMKCH के कैदी वार्ड को ICU में परिवर्तित किया जाएगा। SKMCH प्रबंधक का कहना है कि हमनेें इस वार्ड को ICU में बदल दिया है और कैदियों के वार्ड को स्थानांतरित कर दिया है। यह हमारी क्षमता को 19 बिस्तरों तक बढ़ा देगा, इसे शीघ्र ही कार्यात्मक बना दिया जाएगा।
Bihar: Prisoners ward of SMKCH in Muzaffarpur where under treatment prisoners were lodged being converted into ICU. SKMCH Manager says, "We've converted this ward into an ICU & shifted the prisoners ward. It'll increase our capacity by 19 beds, it'll be made functional shortly." pic.twitter.com/tjQMaa5gm1
— ANI (@ANI) June 20, 2019
मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 117 हो गई है। एसकेएमसीएच में 98 और केजरीवाल अस्पताल में 19 लोगों की मौत।
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 117 in Muzaffarpur. 98 deaths at SKMCH & 19 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/rCH9JxpDKb
— ANI (@ANI) June 20, 2019
बीते बुधवार को ही सिर्फ 9 बच्चों की मौत हो गई
बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली में बैठक कर रहे हैं
बुधवार को 19 नए बच्चे भर्ती किए गए
बिहार में 128 बच्चों की चमकी बुखार से मौत
बिहार के मुजफ्फरपुर क्षेत्र के बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा चमकी बुखार (एक्यूट एनसिफेलाइटिस सिंड्रोम) तंत्रिका संबंधी गंभीर बीमारी है जो मस्तिष्क में सूजन पैदा करती है। एईएस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, भ्रम की स्थिति, गर्दन में अकड़न और उल्टी शामिल है।
यह बीमारी ज्यादातर बच्चों और नाबालिगों को निशाना बनाती है और इससे मौत भी हो सकती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपी) के अनुसार, एईएस बीमारी ज्यादातर विषाणुओं से होती है लेकिन यह जीवाणुओं, फफुंदी, रसायनों, परजीवियों, विषैले तत्वों और गैर-संक्रामक एजेंटों से भी हो सकती है। एनएचपी के अनुसार, जापानी बुखार का विषाणु भारत में एईएस का मुख्य कारण है।
पोर्टल ने कहा कि भारत में एईएस के फैलने के कुछ अन्य कारण हरपीज, इंफ्लुएंजा ए, वेस्ट नील और डेंगू जैसे विषाणु हैं। हालांकि, एईएस के कई मामलों के कारणों का पता अब तक नहीं चल पाया है।
वहीं दूसरी तरफ बिहार में चमकी के अलावा लू और गर्मी की वजह से भी लोग दम तोड़ रहे हैं। लू और गर्मी से मरने वालों की संख्या 90 पहुंच हो गई है। इसमें औरंगाबाद, नवादा और गया जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित बताए जा रहे हैं। इन इलाकों में लोगों को जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। वहीं प्रशासन ने इन इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है।
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