Chamki Bukhar : चमकी के कहर से अब तक 160 मासूमों की मौत, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री का किया घेराव
बिहार में चमकी के कहर से करीब 160 मासूमों की मौत हो चुकी है। केवल मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से 132 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि राज्य में मानसून के दस्तक से गर्मी व उमस कम हुई है जिसके कारण अब मामलें कम आ रहे हैं।

बिहार में चमकी के कहर से करीब 160 मासूमों की मौत हो चुकी है। केवल मुजफ्फरपुर में इस बीमारी से 132 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि राज्य में मानसून के दस्तक से गर्मी व उमस कम हुई है जिसके कारण अब मामलें कम आ रहे हैं। वहीं देशभर में चमकी के कारण बच्चों की हुई मौत पर लगातार सियासत जारी है।
पीएम मोदी पहली बार बुधवार को संसद में इस पर बयान दिए। वहीं आज यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के आवास का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किए। इसके साथ ही यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर उनके खिलाफ नारेबाजी की। वहीं पुलिस ने मामले को शांत कराने के लिए कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया।
Muzaffarpur Acute Encephalitis Syndrome (AES) deaths: Indian Youth Congress and Bihar Congress unit protested near Union Health Minister Dr.Harsh Vardhan's residence in Delhi. Protesters later detained by Police. pic.twitter.com/WGtqUuRW8d
— ANI (@ANI) June 27, 2019
नालंदा जिले में चमकी ने दी दस्तक
बिहार में मानसून आते ही मौसम का मिजाज बदला और चमकी का भी प्रकोप कम होने लगा लेकिन जानलेवा बुखार ऐसा है कि इसका असर एक जगह से कम हो रहा है तो दूसरी जगह पनप जा रहा है। इसी क्रम में चमकी ने सीएम नीतीश के जिले नालंदा में दस्तक दी है। यहां इस बीमारी से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं राज्य के कई जिलों में अभी भी लगातार मामले आ रहे हैं।
इन जिलों में है चमकी का प्रभाव
इस बीमारी का कहर सबसे ज्यादा जिला मुजफ्फरपुर में है, हालांकि अब मामले कम आ रहे हैं। इसके अलावा इस बीमारी का असर बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पटना, पुर्णिया, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, जहानाबाद, दरभंगा व गया में है।
पहली बार इस पीएम मोदी ने इस बीमारी पर बोला
कल यानी बुधवार को पीएम मोदी ने चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि इस बीमारी को रोक न पाना हमारी सबसे बड़ी नाकामी और शर्मिंदगी है। उन्होंने कहा कि यह पिछले 70 सालों में हुए विफलताओं में से एक है। हम लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं। कोशिश यही रहेगी कि जल्द ही इस संकट से उबरा जा सके।
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