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महागठबंधन में दरार : आखिर बिहार में क्यों कोई गठबंधन में नहीं रहना चाहता

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार में मोदी लहर से निपटने के लिए विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन किया था पर भाजपा की आंधी से प्रदेश में भगवा छा गया। महागठबंधन पूरी तरह से विफल हो गया। पार्टियों को लगा कि जब कोई फायदा ही नहीं हो रहा तो गठबंधन करने का क्या फायदा शायद इसी लिए इस समय एक एक करके पार्टियां गठबंधन से किनारा करते जा रही हैं।

महागठबंधन में दरार :  आखिर बिहार में क्यों कोई गठबंधन में नहीं रहना चाहता
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Bihar politics Congress and Hum separated from Alliance

इस समय भारतीय राजनीति में एक छत्र भाजपा का राज है। पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक पार्टी भगवा करने की ठान ली है। विपक्षी पार्टियां या तो अपने अस्तित्व को लेकर लड़ रही हैं या फिर गठबंधन करके भाजपा के सामने चुनौती पेश करने की कोशिश कर रही हैं पर अभी तक देश के किसी भी राज्य का गठबंधन भाजपा को नहीं रोक सका।

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार में मोदी लहर से निपटने के लिए विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन किया था पर भाजपा की आंधी से प्रदेश में भगवा छा गया। महागठबंधन पूरी तरह से विफल हो गया। पार्टियों को लगा कि जब कोई फायदा ही नहीं हो रहा तो गठबंधन करने का क्या फायदा शायद इसी लिए इस समय एक एक करके पार्टियां गठबंधन से किनारा करते जा रही हैं।

इस समय कांग्रेस का रुख गठबंधन से अलग होता दिख रहा है। पार्टी के ही वरिष्ठ नेता व एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन लोकसभा चुनाव को लेकर हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी गठबंधन स्थाई नहीं होता। बिहार में किसा गया गठबंधन भी अस्थाई ही था। प्रेमचंद मिश्रा की माने तो पार्टी संगठन को मजबूत करने में लगी है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी किसी से गठबंधन करे ऐसा नहीं कहा जा सकता। अगर जरूरत पड़ी तो एक समान विचारधारा रखने वाली पार्टियां मिलकर चुनाव में लड़ेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों महागठबंधन से जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी गठबंधन से किनारा कर लिया और अकेले चुनाव लड़ने की बात कही।

एक जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो ये कि बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल बाकी पार्टियों को साथ ले चलने की पहल नहीं कर रही है। पार्टी के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव पिछले काफी समय से प्रदेश की सक्रिय राजनीति से दूर रहे। इसी 16 अगस्त को पार्टी के विधायकों के साथ बैठक करेगें। उम्मीद की जा रही कि पार्टी इसके बाद अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दे।

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