Bihar Flood : बिहार में बाढ़ का तांडव जारी, 92 लोगों की गई जान
बिहार में बारिश तो थम गया है लेकिन बाढ़ का पानी आए दिन नए इलाकों में फैलती जा रही है। राज्य के उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ का आलम यह है कि बाढ़ के पानी में डूबने से एक ही दिन में 34 लोगों की मौत हो गई।

बिहार में बारिश तो थम गया है लेकिन बाढ़ का पानी आए दिन नए इलाकों में फैलती जा रही है। राज्य के उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ का आलम यह है कि बाढ़ के पानी में डूबने से एक ही दिन में 34 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर में 9 लोगों की मौत, सीतामढ़ी में 8, समस्तीपुर, मोतीहारी व दरभंगा में 5-5, मधुबनी व शिवहर में एक एक लोगों की मौत हो गई। वहीं राज्य में कुल 92 लोगों की मौत हो गई है। भारतीय सेना ने बाढ़ राहत बचाव का मोर्चा संभाल ली है।
सबसे ज्यादा दर्दनाक मौत समस्तीपुर में हुई, यहां पांच बच्चों की मौत हो गई। दरअसल सभी बच्चे बूढ़ी गंडक की उफान मारती पानी को देखने एक समूह बनाकर जा रहे थे। एक बच्चे का पैर फिसल गया जिससे वह पानी में चला गया, साथी दोस्त बचाने के लिए आगे तो बढ़े पर अफसोस कोई न बच सका। बाढ़ के पानी ने पांचों बच्चों को लील गया।
हालांकि इस घटना को एक बच्ची देख रही थी जिसने शोर मचाया लेकिन गांव वालों को आने में थोड़ी देर हो गई और सभी बच्चे डूब गए। आपदा विभाग के अधिकारी विनय कुमार राय ने कहा कि पांचों बच्चों की मौत दुखद घटना है। पांचों बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाएगा।
बूढ़ी गंडक ने किया रेड लाइन पार
मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर क्षेत्र में बूढ़ी गंडक ने लाल निशान 53.50 मीटर को पार कर दिया। खतरे के निशान पार करते ही पानी का फैलाव नए इलाकों में होने लगी है। इलाके में पानी भरने से लोगों का पलायन जारी है। वहीं मधुबनी के कई इलाकों में भी लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि कमला और कोसी नदी के जलस्तर में काफी कमी देखी गई है।
संसद में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
बिहार में आई भयानक बाढ़ को संसद में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई। इसके साथ ही नेताओं ने कहा कि नेपाल सरकार से बात करके हाईडैम बनाया जाए। जदयू के नेता व सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है और सैकड़ों को लील जाती है। उन्होंने कहा कि इस साल सबसे ज्यादा 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इसलिए राज्य में विपत्ति को देखते हुए केंद्र सरकार को चाहिए कि राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
राज्यसभा में सदस्यों की इस मांग पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसी भी राज्य में जब प्राकृतिक आपदा आती है तो उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग होती है, लेकिन आपको बता दें कि राष्ट्रीय आपदा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अगर कोई आपातकाल स्थिति बनती है तो गृह मंत्रालय विशेष सहायता दी जाती है।
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