Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session : बिहार विधानसभा में विपक्ष ने उठाया चमकी का मुद्दा, सीएम नीतीश ने दिया ये जवाब
मानसून सत्र के तीसरे दिन बिहार विधानसभा के सदन में विपक्ष सरकार पर चमकी बुखार को लेकर हमला किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से विपक्ष ने इस्तीफे की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि साल 2012 में चमकी बुखार को लेकर एसओपी बनाया गया था। इसके तहत इस बीमारी से प्रभावित 15 जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, व अन्य अस्पतालों में बीमारी की इलाज के लिए दवाएं व मेडिकल उपकरण की व्यवस्था की गई।

मानसून सत्र के तीसरे दिन बिहार विधानसभा के सदन में विपक्ष सरकार पर चमकी बुखार को लेकर हमला किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से विपक्ष ने इस्तीफे की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि साल 2012 में चमकी बुखार को लेकर एसओपी बनाया गया था। इसके तहत इस बीमारी से प्रभावित 15 जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, व अन्य अस्पतालों में बीमारी की इलाज के लिए दवाएं व मेडिकल उपकरण की व्यवस्था की गई।
इस बीमारी की पहचान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च किया गया, लेकिन डॉक्टरों को इस पर कोई विशेष सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि इस साल सबसे ज्यादा मौत हाइपोग्लासेमिया से हुई है। यह चमकी बुखार से संबंधित एक लक्षण है। यह अत्यधिक गर्मी व उमस की वजह से होता है। बारिश होते ही इसका प्रभाव कम होने लगता है।
बिहार विधानसभा में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आंकड़ों के अनुसार 28 जून तक 720 बच्चे भर्ती हुए, 586 ठीक हुए, और 154 बच्चों की मौत हो गई। मृत्यु दर घटकर 21% रह गई। 2011-19 के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में एईएस के कारण मृत्यु दर कम हुई है।
Bihar Health Minister Mangal Pandey at Bihar assembly: According to the data we've, till June 28, 720 were admitted, 586 were cured, & 154 children died. Death rate reduced to 21%. According to data from 2011-19, death rate due to AES has reduced over the past few years pic.twitter.com/ImbfA143NQ
— ANI (@ANI) July 1, 2019
सीएम नीतीश कुमार ने चमकी के कारण बच्चों की हुई मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, दुख व्यक्त करना काफी नहीं है, यह एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है। हमने कई बैठकें की हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की है। मैंने 2015 में एम्स पटना में एक बैठक की और विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग-अलग विचार रखे कि इस बीमारी का कारण क्या है। इस पर विशेषज्ञों की राय प्राप्त करने के लिए एक रिपोर्ट भी अमेरिका को भेजी गई थी और सभी के विचार अलग थे।
Bihar CM Nitish Kumar at Bihar Assembly on #MuzaffarpurChildrenDeath: I held a meeting at AIIMS Patna in 2015 and various experts had different views as to what is the reason of it. A report was even sent to the US to get expert opinion on it and all had different views. pic.twitter.com/p2HLF6IA60
— ANI (@ANI) July 1, 2019
बता दें कि चमकी यानी एईएस नामक जानलेवा बीमारी ने बिहार के मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में तबाही मचा दी है। इस बीमारी से करीब 150 से ज्यादा मासूमों की जानें गई हैं। केंद्र व राज्य सरकार इस मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है। हालांकि राज्य में मानसून के दस्तक के बाद से ही चमकी के मामले कम आ रहे हैं।
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