पहले झारखंड में 7 साल चिट फंट कंपनी चलाई, फिर बना बिहार टॉपर
गणेश ने बिहार बोर्ड के परिणाम में कुल 413 अंक हासिल किए हैं।

बिहार बोर्ड के आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार ने अंतरा और मुखड़े के अंतर में ही फंस कर अटक गए। उन्हें ना तो कवियों और लेखकों के नाम तक पता नहीं है।
गणेश कुमार नाम का टॉपर समस्तीपुर के रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक इंटर विद्यालय का छात्र है। मगर पता चला कि ये गणेश कुमार समस्तीपुर का रहने वाला ही नहीं है। वह झारखंड के गिरिडीह ज़िले के सरिया में रहता है।
जब इस टॉपर को खोजते हुए मीडिया इसके स्कूल पहुंचा तो स्कूल बदहाल मिला। टॉपर न मिलने पर उनके शिक्षकों का ही इम्तिहान शुरू हो गया। पता चला कि अंग्रेजी पढ़ाने वाले को सिविलाइज़ेशन शब्द की स्पेलिंग नहीं मालूम है और कैमिस्ट्री पढ़ाने वाले को सोडियम की परमाणु संख्या तक नहीं मालूम है।
ये भी दिलचस्प है कि टॉपर की उम्र अभी 24 साल है। आप मार्कशीट देखेंगे तो पता चलेगा इन्हें फर्स्ट डिवीजन से पास किया गया है। गणेश ने बिहार बोर्ड के परिणाम में कुल 413 अंक हासिल किए हैं।
आपको बता दें कि गणेश कुमार 6 साल (2009 से 2014) तक झारखंड के गिरिडीह के सरिया में चिट-फंड कंपनी चलाता था।
इस बीच चिट-फंट कंपनी में छाटा होने के बाद गणेश कुमार गिरिडीह छोड़कर बिहार के समस्तीपुर आ गया और फिर यहां काम की तलाश में जुट गया।
इसके बाद उसने पढ़ाई शुरू करने की सोची। उसने संजय गांधी हाइस्कूल, लक्षमिनिया, शिवाजीनगर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद रामानंदन सिंह जगदीप उच्च माध्यमिक इंटर कॉलेज, चकहबीव से इंटर की परीक्षा दी, जिसमें उसने बिहार टॉप किया।
बिहार बोर्ड ने दी सफाई
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने आर्टस टॉपर गणेश कुमार के ज्ञान पर उठे सवाल पर गुरुवार को कहा कि टॉपर की सूची में कोई गड़बड़ी नहीं है।
उन्होंने कहा कि आर्टस टॉपर के एक विषय के संदर्भ में सवाल उठाये जा रहे हैं वो सही नहीं है। प्रैक्टिकल परीक्षा में होम सेंटर का प्रावधान है और इस पॉलिसी के तहत गणेश कुमार ने जिस कॉलेज के फॉर्म भरा वहां प्रैक्टिकल हुआ।
अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि पिछले महीनों में ऐसे कॉलेजों की जांच हुई है और आगे भी हमलोग कॉलेजों के इंफ्रा की जांच करेंगे।
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