इस वजह से बंद हो सकते हैं वोडाफोन के सभी टावर्स
वोडाफोन इंडिया के ऊपर 8.2 अरब डॉलर का ऋण है।

ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन भारतीय टावर कंपनी इंडस टावर्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने के अवसरों की तलाश कर रही है। यह टावर कंपनी वोडाफोन, भारती एयरटेल और आइडिया सेल्यूलर का संयुक्त उपक्रम है।
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वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी विट्टोरियो कोलाओ ने निवेशकों एवं विश्लेषकों के सम्मेलन में कहा, हम इंडस टावर्स में अपनी 42 प्रतिशत हिस्सेदारी को पूर्णत: या अंशत: बेचने के रणनीतिक विकल्पों की तलाश करेंगे। इससे समूह के मूल्यों में वृद्धि होगी। हम अपने बैंलेंस शीट में भी आठ अरब डॉलर से अधिक की कमी करने वाले हैं।'
वोडाफोन इंडिया के ऊपर 8.2 अरब डॉलर का ऋण है। इंडस टावर्स में भारती एयरटेल की टावर इकाई भारती इंफ्राटेल की भी 42 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 16 प्रतिशत हिस्सेदारी आइडिया सेल्यूलर के पास है। भारती इंफ्राटेल इंडस टावर्स की पूरी या आंशिक हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है।
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कोलाओ ने आगे कहा कि वोडाफोन के हित एयरटेल के हित से जुड़े हुए हैं। यदि एयरटेल इस सौदे के होने का इंतजार कर सकी तो इसके बारे में बातचीत शुरू की जा सकेगी।
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