बिना सिग्नल के भी कर सकेंगे कॉल, TRAI ने दी इंटरनेट टेलीफोनी को मंजूरी
आप जल्द ही किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन नंबर पर बिना सिग्नल के भी कॉल कर सकते हैं।

टेलीकॉल के बढ़ते क्रेज को देखते हुए ट्राई एक खास सेवा ग्राहकों के लिए शुरू करने जा रहा हैं। इस तकनीक से आप जल्द ही किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन नंबर पर अपने घर, ऑफिस या सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करके कॉल कर सकते हैं, भले ही आपके स्मार्टफोन पर कोई सिग्नल हो या न हो।
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भारतीय दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने इंटरनेट टेलिफोनी को अपनी मंजूरी दे दी है। ट्राई के इस कदम का पुरानी दूरसंचार कंपनियां विरोध कर रही है। विशेष रूप से यह सेवा वॉइस कॉल करने के लिए फायदेमंद होगी।
खासकर जब किसी क्षेत्र में कोई मोबाइल नेटवर्क सिग्नल न हो या पारंपरिक नेटवर्क खराब हो (जो अक्सर कमजोर नेटवर्क रेंज की वजह से कॉल की क्वालिटी में परेशानी आती है) तब भी आप इस सेवा की मदद से वॉइस कॉल कर सकेंगे।
ट्राई का मानना है कि वर्तमान लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क के मुताबिक इंटरनेट टेलीफोनी सेवा को इंटरनेट एक्सेस सेवा से स्वतंत्र प्रदान किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में कहे तो इंटरनेट टेलिफोनी सेवा अंतर्निहित (untethered) पहुंच या मोबाइल नेटवर्क से अनजान है।
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नियामक ने वॉइस कॉल करने के लिए एक उपयोगी और लागत प्रभावी विकल्प के रूप में इंटरनेट कॉलिंग की है। इससे कॉल की सफलता की दर में वृद्धि होगी। विशेष रूप से इनडोर खराब कवरेज क्षेत्रों में जहां सार्वजनिक इंटरनेट उपलब्ध हो सकती है लेकिन एक विशेष दूरसंचार कंपनी का संकेत उपलब्ध नहीं है।
ट्राई के इस कदम का दूरसंचार कंपनियों ने इसलिए विरोध किया ताकि उनको होने वाले सालाना फायदे पर असर न पड़े अगर इंटरनेट टेलीफोनी को सार्वजनिक नेटवर्क पर उपलब्ध कराया जाता है तो ऑपरेटरों को भारी नुकसान पहुंचाएगा जो पारंपरिक वॉइस कॉलिंग सर्विस प्रदान कर रहे हैं।
कंपनियों ने कहा कि स्मार्टफोन और टैबलेट के बढ़ते प्रसार के साथ, एसएमएस में आवागमन और ऐप आधारित सेवाओं के लिए वॉइस ट्रैफिक ने पहले से ही अपनी कमाई को प्रभावित करना शुरू कर दिया है और यह कदम कंपनियों पर दबाव बढ़ा देगा।
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ट्राई के सलाहकार अरविंद कुमार ने कहा उपभोक्ता को कॉल करने में अधिक विकल्प होंगे इस सेवा से मोबाइल सिग्नल पर्याप्त नहीं होने पर भी कॉलिंग की जा सकेगी। अगर सिगंनल न होने के बावजूद किसी भी वाई-फाई नेटवर्क कनेक्टिविटी का उपयोग किया जा सकता है।
इंटरनेट टेलिफोनी के माध्यम से कॉल करने के लिए कंपनियों को ऐप की तरह एक विकल्प प्रदान करना होगा जो ग्राहकों को उनके किसी भी संपर्क को कॉल करने से पहले वाई-फाई का उपयोग करने की अनुमति देगा। माना जाता है कि रिलायंस जियो इस तरह के फ्रेमवर्क को प्रदान करने में सबसे पहले आएगा।
इंटरनेट टेलीफोनी की प्रक्रिया को समझाते हुए एक ट्रैफिक अधिकारी ने कहा उदाहरण के लिए, एक एयरटेल ग्राहक एमटीएनएल या बीएसएनएल के वाई-फाई का उपयोग करने का निर्णय ले सकता है जब वह कॉल करना चाहता है।
वर्तमान में, इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। इंटरनेट टेलिफोनी प्लेयर अब वह ऐसे एप के जरिए ऐसी सुविधा प्रदान की जाएगी जो वह अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकता है।
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