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स्मार्टफोन के ये पांच झूठ जिन्हें आप मानते हैं सच, जानें इनकी हकिकत

आज के समय में हर एक व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है और साथ ही अपना पूरा समय इन स्मार्टफोन पर गुजारते है। साथ ही अपने सारे ऑफिशियल से लेकर पर्सनल काम स्मार्टफोन पर ही करते है।

स्मार्टफोन के ये पांच झूठ जिन्हें आप मानते हैं सच, जानें इनकी हकिकत
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आज के समय में हर एक व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है और साथ ही अपना पूरा समय इन स्मार्टफोन पर गुजारते है। साथ ही अपने सारे ऑफिशियल से लेकर पर्सनल काम स्मार्टफोन पर ही करते है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आपके दोस्त या परिजन आपको फोन के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते है, जिससे आप सच मान लेते है। इन बातों में रात में फोन को चार्ज नहीं करना जैसी बातें शामिल है। आज हम आपको उन बातों का सच बताएंगे, जिन्हें आप सच मानते आए है।

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Smartphone Brightness

आज के समय में जितने भी फोन लॉन्च हो रहे है, उस सभी में ऑटो ब्राइटनेस का ऑप्शन आ रहा है। इसके फीचर की मदद से यूजर धूप में जाता है, तो फोन अपने आप अडजेस्ट हो जाता है।

कई लोगों को मानना है कि इस फीचर से फोन की बैटरी खत्म हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। इस फीचर से फोन की बैटरी जल्दी ही खत्म नहीं होती है।

Smartphone Camera

ज्यादातर लोग कहते है कि ज्यादा मेगापिक्सल वाले स्मार्टफोन कैमरे बेहतर होते है, जिसमें 10,20 या 47 मेगापिक्सल वाले कैमरे शामिल है। लेकिन असल बात यह है कि फोन का कैमरा मेगापिक्सल पर निर्भर नहीं है, बल्कि मेगापिक्सल के साथ अपर्चर जैसी चीजों पर निर्भर करता है।

Smartphone charge

कई लोग कहते है कि फोन को पूरी रात चार्ज नहीं करना चाहिए, इससे फोन की बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन हकिकत कुछ और है, जब फोन पूरी तरह चार्ज हो जाता है, तो फोन चार्जर से अपने आप डिसकनेक्ट हो जाता है।

Smartphone charger

कई लोग सलाह देते है कि फोन को फोन के चार्जर से ही चार्ज करना चाहिए और किसी दूसरी कंपनी के चार्जर से चार्ज नहीं करना चाहिए। यह बात एकदम गलत है, अगर आपके फोन का चार्जर दूसरे फोन के चार्जर की क्षमता के बराबर है, तो आप आसानी से अपने फोन को चार्ज कर सकते है।

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Smartphone signal

हम सब यह मानते है कि फोन में जितने ज्यादा सिगनल आ रहे है, नेटवर्क उतनी ही अच्छा है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। सिग्नल की क्वालिटी डेसीबल पर ही आधारित है।

कर्ई बार आप ने नोटिस किया होगा कि एक सिग्नल होने के बाद भी आसानी से बात हो जाती है और पूरे सिगनल होने के बाद भी बात नहीं हो पाती है।

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