खुशखबरी: अब गाड़ियों से नहीं निकलेगा धुआं, विकसित हो रही है ये नई तकनीक
वैज्ञानिक ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं जो किफायती ढंग से जीवाश्म ईंधन यानि पेट्राेलियम पदार्थ और बायोमास को बिजली जैसे उपयोगी उत्पादों में बदल सकती है, वह भी वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़े बगैर।

वैज्ञानिक ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं जो किफायती ढंग से जीवाश्म ईंधन यानि पेट्राेलियम पदार्थ और बायोमास को बिजली जैसे उपयोगी उत्पादों में बदल सकती है, वह भी वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़े बगैर।
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के इंजीनियर शोधकर्ताओं ने एनर्जी एंड एन्वायरनमेंटल साइंस नामक जर्नल में लिखा है कि शेल गैस को मेथेनॉल और गैसोलिन में परिवर्तित करने वाली यह प्रक्रिया कोयला और बायोमास पर भी लागू की जा सकती है जिससे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा सकें।
यह भी पढ़ें- Auto Expo 2018: ये कार होंगे लॉन्च, जबरदस्त माइलेज एवं फीचर्स से हैं लैस
निश्चित परिस्थितियों में यह तकनीक अपने द्वारा उत्पन्न पूरी कार्बन डाइ-ऑक्साइड को उपभोग में ले लेती है। यही नहीं, यह बाहरी स्रोत से अतिरिक्त कार्बन डाइ ऑक्साइड का भी उपभोग कर लेती है।
ऐसे कार्बनलेस जलेगा पेट्रोलियम
अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने एक ऐसी प्रक्रिया की खोज की है जो शेल गैस को मेथेनॉल और गैसोलिन जैसे उत्पादों में बदल देती है। इसके साथ वह कार्बन डाइ ऑक्साइड का क्षय भी करती जाती है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App