मर्सिडीज बेंज जल्द लॉन्च करेगी इलेक्ट्रिक कार के 20 नए मॉडल, ये है मास्टर प्लान
लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज 2019 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उतार सकती है, हालांकि यह ई-वाहनों के लिए अनुकूल कर संरचना पर निर्भर करेगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है।

लग्जरी कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज 2019 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उतार सकती है, हालांकि यह ई-वाहनों के लिए अनुकूल कर संरचना पर निर्भर करेगा। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है।
कंपनी वैश्विक स्तर पर ई-वाहनों की विस्तृत श्रृंखला विकसित कर रही है और उसका मानना है कि 2022 तक उसकी कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 20 से 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ रोलैंड फोल्गर ने कहा है कि हम ई-वाहनों को लेकर आश्वस्त हैं और सारे संसाधनों को ई-वाहन विकसित करने में लगा रहे है।
2024 तक 15 से 20 नए मॉडल
2022-24 तक हमारे पास इस तरह के 15 से 20 नए मॉडल होंगे। हमें विश्वास है कि 2022 तक हमारी बिक्री का 20 से 25 प्रतिशत ई-वाहन जरिए आएगा। हम वैश्विक स्तर पर इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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भारत में यह कराधान पर निर्भर करेगा। उन्होंने आगे कहा है कि 2019 तक हम आकर्षक श्रृंखला के साथ भारत में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन पेश कर सकते हैं, लेकिन भारत में ऐसी बहुत सी चीजें है जिनका स्पष्ट होना जरूरी है।
कंपनी सरकार से चाहती है समाधान
फोल्गर ने कहा है कि हमें ऐसे समाधान की जरुरत है जो पूरी तरह से बाहर तैयार वाहनों ( सीबीयू वाहनों ) को यहां लाने की अनुमति देता हो और पहले इसे छोटे स्तर पर शुरू करना होगा बाद में धीरे-धीरे आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा है कि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं कि सारा लाभ सिर्फ घरेलू स्तर पर वाहनों का निर्माण करने वालों को मिले।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12 फीसदी कर
अधिकारी ने कहा है कि पर्यावरण अनुकूल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के कर से जुड़े मामलो में देश से बाहर तैयार इलेक्ट्रिक वाहनों को घरेलू वाहन निर्माताओं के बराबर ही माना जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा है कि वर्तमान माल एवं सेवा कर ( जीएसटी ) व्यवस्था के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर 12 प्रतिशत कर लगता है।
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आयातित कार पर 100 फीसदी सीमा शुल्क
वहीं, दूसरी तरफ आयातित कार पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है। यह कीमत और इंजन के आकार पर निर्भर करता है। इसके अलावा सरकार ने 2018-19 के बजट में आयातित मोटर वाहन, कार और मोटरसाइकिल पर सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया है।
वहीं, पूरी तरह से बाहर तैयार मोटर वाहनों ( ट्रक और बसों ) पर शुल्क 20 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है।
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