फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील: टूट गई सचिन-बिन्नी की 11 साल की जोड़ी, ऐसे तय किया यहां तक का सफर
फ्लिपकार्ट - वॉलमार्ट सौदे की घोषणा के बाद भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य के ''जय - वीरू'' माने जाने वाले दो दोस्त बिछड़ गए। सचिन बंसल ने 11 वर्ष पहले बनाई गई कंपनी को छोड़ने का फैसला किया है, जो कि दूसरे के लिए दुखद क्षण है। फ्लिपकार्ट के सह - संस्थापक बिन्नी बंसल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सचिन बंसल का कंपनी छोड़ने का निर्णय बहुत ही भावुक क्षण था।

फ्लिपकार्ट - वॉलमार्ट सौदे की घोषणा के बाद भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य के 'जय - वीरू' माने जाने वाले दो दोस्त बिछड़ गए। सचिन बंसल ने 11 वर्ष पहले बनाई गई कंपनी को छोड़ने का फैसला किया है, जो कि दूसरे के लिए दुखद क्षण है।
फ्लिपकार्ट के सह - संस्थापक बिन्नी बंसल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सचिन बंसल का कंपनी छोड़ने का निर्णय बहुत ही भावुक क्षण था। बिन्नी से जब पूछा गया कि क्या आपने सचिन को मनाने या रोकने की कोशिश नहीं की तो उन्होंने कहा कि यह कहना थोड़ा होगा।
वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने पर सचिन ने अपने 5.5 प्रतिशत हिस्सेदारी एक अरब डॉलर में बेच दी और कंपनी छोड़ दी। बिन्नी ने फ्लिपकार्ट की यात्रा को याद करते हुए कहा कि किसी भी अन्य चीज से अधिक, यह हम सभी के लिए बहुत ही भावुक पल है।
सचिन और मैंने एकसाथ लंबा रास्ता तय किया है। हम 2005 में मिले जब हम आईआईटी दिल्ली से निकले। हम दोनों बेंगलुरु गए। आईआईटी दिल्ली से हम आठ लोगों का समूह था। हम सब अच्छे दोस्त थे।
मुझे लगता है कि हम दोनों एक - दूसरे के लिए आधार स्तंभ की तरह हैं। वहीं, दूसरी ओर सचिन बंसल ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि फ्लिपकार्ट में मेरा काम पूरा हो गया है और फ्लिपकार्ट से जाने और कमान दूसरे के हाथ में सौंपने का समय है।
बेंगलुरु आने के बाद सचिन अमेजन से जुड़े और बिन्नी की सिफारिश की। इसके दोनों ने मिलकर 4 लाख रुपये से कंपनी शुरू की। सबसे पहले उन्होंने आनलाइन किताबें बेचना शुरू किया।
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