कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहे कच्चे तेल के दामों को मिली राहत, कीमतों में इतने प्रतिशत की तेजी
सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध और कोरोना वायरस जैसी महामारी से उबरा कच्चा तेल। कीमत में आया उछाल

सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध और फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार से कच्चे के तेल (Crude Oil) के दाम लगातार नीचे जाने के बाद थम गये है। कच्चे तेल के दाम भारत में एक चॉकलेट के बारबर आ पहुंचे थे, लेकिन मंगलवार को कच्चा तेल की कीमत वायरस के प्रकोप से हटती दिखी। इसकी वजह तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और उसके सहयोगी देशों की इस सप्ताह होने वाली बैठक है। जिसमें उत्पादन में कटौती पर सहमति बनने की उम्मीद के चलते कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ गई।
कोरोना वायरस और समझौता न होना बना था कीमत गिरने वजह
इससे पहले समझौता न हो पाने के अनुमान और कोरोना वायरस के बीच लॉकडाउन (Crude Oil Price Fall) के चलते कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि अब इस संबंध में बैठक गुरुवार को होनी है। एशिया में सुबह के कारोबार के दौरान अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 3.83 प्रतिशत बढ़कर 27.08 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड प्रति बैरल 2.81 प्रतिशत बढ़कर 33.98 डालर पर कारोबार कर रहा था।
18 साल के निचले स्तर पर आ गये थे क्रूड ऑयल के दाम
कच्चे तेल की कीमतें पिछले हफ्ते 18 साल के निचले स्तर पर आ गई थीं। सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध होने से यह गिरावट शुरू हुई, और कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते इसमें और कमजोरी आ गई। एएनजेड बैंक ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि रूस और सऊदी अरब दोनों के अलावा दुनिया के बाकी देश भी उत्पादन में कटौती करने के लिए तैयार होते हैं, तो वे भी उत्पादन में कटौती करने के लिए तैयार हैं। इसके बाद शुरुआती कारोबार में कीमतों में कुछ सुधार हुआ है।