Ramadan Mubarak 2020: लॉकडाउन के दौरान घर पर रहकर ही करें इबादत, जानें रमजान का इतिहास
Ramadan Mubarak 2020: इस्लाम धर्म का सबसे पाक महीना रमजान 25 अप्रैल से शुरू होने वाला है। मुस्लिम लोग इस पाक महीने में रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस साल लॉकडाउन का असर इस पाक महीने पर भी पड़ेगा। इसके साथ ही लोगों से गुजारिश है कि लोग घर पर रहकर ही अल्लाह की इबादत करें।

Ramadan Mubarak 2020: इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा देखने को मिल रहा है। लाखो लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं हजारो लोगों ने कोरोनो के चलते दम तोड़ दिया है। वहीं भारत में भी कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। यह वायरस थमने के बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना के खतरे को देखते हुए देश भर में लॉकडाउन किया गया है। इसी बीच मुस्लिम धर्म का पाक महीना भी शुरू हो रहा है। जिसका असर 25 अप्रैल से शुरू हो रहे रमजान पर भी पड़ सकता है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर पर अल्लाह की इबादत करें
इस महीने में लोगों को अपने दिल और दिमाग पर काबू रखना होता है। वहीं लोग इस पाक महीने में सभी बुरी आदतें छोड़कर लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। वहीं लॉकडाउन के चलते लोगों की बंदिशे और भी बढ़ गई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों से मस्जिद न आकर बल्कि घर पर रह कर ही इबादत करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं मार्केट बंद होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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वहीं लोगों से गुजारिश है कि लोग घर पर रहकर ही अल्लाह की इबादत करें। वहीं घर पर रहकर ही परिवार के साथ नमाज और तरावीह पढ़ें। तमाम बुराइयां छोड़कर लोग रोजा रखें और अपने गुनाहों का माफी मांगे। इसके साथ ही जरूरतमंदों की मदद करें।
क्या है रमजान का इतिहास?
हिज्र कैलेंडर (इस्लामिक कैलेंडर) के अनुसार नौवां महीना रमजान का होता है। वहीं अगर 25 अप्रैल का रोजा होता है, तो भारत में 25 मई को ईद मनायी जाएगी। वहीं रमजान का महीना 29 दिन या 30 दिन का होता है।मुस्लिम समुदाय में यह महीना बहुत ही पाक माना जाता है।
यह इबादत का महीना इसलिए भी खास माना जाता है कि क्योंकि इस महीने ही पैगेम्बर मौहम्मद को कुरान की पहली झलक पेश की गई थी। जिस वजह से यह रमजान का महीना और भी खास हो जाता है। वहीं रमजान अरबी शब्द रमीदा और रमद शब्द से मिलकर बना है। जिसका अर्थ गर्मी और सूखापन होता है।
वहीं रमजान को तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे, दूसरा हिस्सा 11 से 20 रोजे और तीसरा हिस्सा 21 से 30 रोजे का होता है।पहले हिस्सा रहमत यानि कृपा को होता है। वहीं दूसरा हिस्सा मगफिरत यानि माफी का होता है और तीसरा हिस्सा दोजख यानि नर्क की आग से बचाने के लिए करार दिया गया है।
क्या है रमजान की फजीलत
- रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं।
- इस पाक महीने में अच्छे काम का पुण्य कई गुना ज्यादा मिलता है।
- इस पाक महीने में शैतान को कैद कर दिया जाता है। इसके साथ ही नर्क के दरवाजे भी बंद हो जाते हैं।
- नफिल नमाजों का सवाब 70 गुनाह ज्यादा दिया जाता है।
- रोजे में झूठ बोलना, चुगली करना, गाली देना, गैर औरतों को बुरी नजर से देखना सख्ती से मना होता है।
- इस महीने में अपने बुरे कामों की माफी मांगी जाती है।