ये है भगवान शिव के शिवलिंग का रहस्य
शिवलिंग की पूजा से मां शक्ति का भी आशीर्वाद मिलता है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 24 April 2017 8:20 AM GMT Last Updated On: 24 April 2017 8:20 AM GMT
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके शिवलिंग की पूजा की जाती है। अक्सर सभी मंदिरों में शिव की मूर्ति के बजाय उनका शिवलिंग देखने को मिलता है।
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लेकिन शिवलिॆग की पूजा क्यों की जाती है क्यों उसमें भगवान शिव का रूप देखा जाता है। आइए जानते हैं शिवलिंग से जुड़े एक ऐसे ही राज के बारे में -
शिवलिंग का अर्थ होता है शंकर का गुप्भंगगवान यानि शिव का अनादी स्वरूप। इसका आकार शून्य होने के साथ-साथ निराकार भी है। इसलिए इसे लिंग भी कहा गया है।
स्कन्दपुराण में स्पष्ट कहा है कि आकाश स्वयं लिंग है और धरती उसका पीठ या आधार है और ब्रह्माण्ड की हर वस्तु अनंत शून्य से पैदा होकर अंत में उसी लय रहती है जिसके कारण इसे लिंग कहा गया है।
इस ब्रह्माण्ड में दो ही चीजे है। ऊर्जा और प्रदार्थ! इसमें से हमारा शरीर प्रदार्थ से निर्मित है जबकि आत्मा एक ऊर्जा है। ठीक इसी प्रकार शिव पदार्थ और शक्ति ऊर्जा का प्रतीक बन कर शिवलिंग कहलाते हैं।
इसके अलावा शिवलिंग भगवान शिव और देवी शक्ति यानि मां पार्वती का अनादि एकल रूप है इसके साथ ही यह पुरुष और प्रकृति की समानता का प्रतीक है। इसलिए शिव और शक्ति दोनों के एक रूप की पूजा शिवलिंग के माध्यम से हो जाती है।
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