Vivah Muhurat 2021: बसंत पंचमी और फुलेरा दूज के अबूझ मुहूर्त में होली से पहले 2 दिन बजेंगी शहनाई
- शुभ (Shubh) और मांगलिक (mangalik) कार्यों के लिए बसंत पंचमी (Basant Panchami) और फुलेरा दूज (Phulera-dooj) का दिन बहुत शुभ माना जाता है।
- शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे लोगों के लिए आई उम्मीद की किरण

Vivah Muhurat 2021: शादी का इंतजार कर रहे लोगों के लिए होली से पहले इस साल दो अबूझ मुहूर्तों में विवाह करना शुभ हो सकता है। ये दोनों अबूझ मुहूर्त हैं बसंत पंचमी (Basant Panchami) और फुलेरा दूज (phulera-dooj)। हिन्दू पंचांग के अनुसार शुभ (Shubh) और मांगलिक (mangalik) कार्यों के लिए बसंत पंचमी और फुलेरा दूज का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस साल 2021 में अप्रैल माह तक शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए ग्रहों की चाल के कारण कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है लेकिन इस दौरान भी शादी का इंतजार कर रहे लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनकर कुछ त्योहार आते हैं। जिनमें बसंत पंचमी और फुलेरा दूज प्रमुख हैं।
Also Read : Shani Uday 2021: कल रात होंगे शनि उदय इन छह राशियों का चमकेगा भाग्य
ग्रह संबंधी भविष्यवाणियों और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार बसंत पंचमी और फुलेरा दूज के दिन को सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक और सबसे शुभ दिनों में प्रमुख माना जाता है। क्योंकि ये दोनों ही दिन बहुत भाग्यशाली माने जाते हैं। साथ ही ये दिन किसी भी प्रकार के हानिकारक प्रभाव और दोषों से रहित होते हैं। इसलिए इन दोनों दिनों को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। बसंत पंचमी का पर्व इस साल 16 फरवरी 2021, दिन मंगलवार को पड़ रहा है। बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनायी जाती है।
हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार फुलेरा दूज फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष के दौरान द्वितीया तिथि के दिन मनायी जाती है। फुलेरा दूज का का पर्व दो प्रमुख पर्वों बसंत पंचमी और होली के मध्य में आता है।
Also Read : Shukra Asta 2021: 14 फरवरी को अस्त हो जाएंगे शुक्र ग्रह, जानें इसके लोप होने के प्रभाव
ज्योतिषविदों के अनुसार इस फुलेरा दूज सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन को बहुत ही भाग्यशाली कहा जाता है और किसी भी तरह के प्रभावों और दोषों से यह दिन प्रभावित नहीं होता है और इस प्रकार इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
इसका मतलब यह है कि बसंत पंचमी और फुलेरा दूज विवाह संस्कार, संपत्ति की खरीद इत्यादि सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों को करने के लिए दिन पवित्र दिनों में से एक हैं। इन दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए अथवा किसी मुहूर्त पर विचार करने या किसी विशेष शुभ मुहूर्त को जानने के लिए किसी भी विद्वान से किसी तरह के परामर्श करने की आवश्यकता नहीं है। अधिकतर क्षेत्रों में शादी समारोह आदि बसंत पंचमी के दिन और फुलेरा दूज की पूर्व संध्या पर होते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)