Vastu Shastra : मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को रसोई घर में क्यों नहीं जाना चाहिए, जानें किसे लगता है पाप
- रसोईघर ( Rasoighar) एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर महिलाओं (Woman) का राज चलता है।
- रसोईघर में कुछ गलतियां करने से अथवा कुछ कारणों से घर का मुखिया कंगाल हो सकता है।

Vastu Shastra : रसोईघर एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर महिलाओं का राज चलता है। रसोईघर में महिलाएं तरह-तरह के पकवान बनाकर खिलाती हैं। जिससे परिवार में हर एक सदस्य को ऊर्जा प्राप्त होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रसोईघर में कुछ गलतियां करने से अथवा कुछ कारणों से घर का मुखिया कंगाल हो सकता है। घर के सदस्य किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं।
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शास्त्रों के अनुसार किसी भी महिला को मासिक धर्म के दौरान रसोईघर में जाकर आटा नहीं गूंथना चाहिए। सब्जियां नहीं काटनी चाहिए। रोटियां नहीं बनानी चाहिए। चाय आदि भी नहीं बनानी चाहिए। इसके पीछे का कारण ये है कि आयुर्वेद के अनुसार, महिलाओं को ऐसे समय में पीड़ाओं से मुक्त नहीं माना जाता । इसी कारण किसी बीमार व्यक्ति से या मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के हाथों से भोजन बनवाने पर या फिर उस भोजन को ग्रहण करने पर शुभ नहीं माना जाता। ऐसा खाना दूषित माना जाता है। हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसे समय में महिलाओं का मान-सम्मान करना चाहिए और उन्हें आरामपूर्वक घर में विश्राम करना चाहिए।
अकसर परिवार में कई लोग ऐसे होते हैं जो महिलाओं को मासिक धर्म होने के दौरान उनसे कामकाज करवाते हैं। जोकि पूरी तरह से गलत है। क्योंकि ये समय महिलाओं के आराम करने का होता है।
ऐसे समय में जब कोई बीमार व्यक्ति या महिला रसोईघर में खाना बनाएगी तो उनके अंदर से निकले बुरे अवशेष खाने में जाएंगे, जिसके कारण जो भी व्यक्ति इस भोजन को ग्रहण करेगा उसे दोष लगता है और जब किसी व्यक्ति को दोष लगेगा तो उसके घर में दरिद्रता वास करेगी। जिसके कारण आपका जीवन कष्टकारी हो सकता है।
साथ ही साथ चप्पल-जूते पहनकर खाना बनाने पर भी खाना दूषित हो जाता है और घर में गरीबी का वास होता है।
रसोईघर में कभी भी छोटे-छोटे बच्चों से भी खाना आदि नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में दुर्घटना आदि हो सकती है।
अकसर गूंथे हुए आटे को लेकर धार्मिक मान्यता बताई जाती है कि घर में गूंथा हुआ आटा रखने पर भूत और प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियां घर की ओर आकर्षित होती हैं। इसके अलावा शास्त्रों में गूंथा हुआ आटा पिंड के समान बताया गया है और आत्माएं अपना भरण-पोषण करने के लिए इसकी ओर आकर्षित होती हैं। जिससे ये बुरी शक्तियां घर में अपना वास बना लेती हैं। जिसकी वजह से घर और परिवार में अशांति, कलह और कलेश की समस्या की स्थिति बनी रहती है। घर का मुखिया, बच्चे सभी सदस्य नाकारात्मकता का शिकार हो जाते हैं।
इसके अलावा भोजन भी राक्षस लोग ग्रहण करते हैं। इसलिए बासी भोजन को खाने से मनुष्य में भी तामसिक और आसुरी प्रवृतियां आने लग जाती हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)