अघोरियों के लिए खास है भारत के ये अद्भूत मंदिर, जहां आम भक्तों को नहीं मिलती है एंट्री
आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं जो बहुत ही अनोखे हैं। जी हां... भारत के कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां आम इंसानों का जाना वर्जित है। इन मंदिरों में सिर्फ अघोरियों को ही एंट्री दी जाती है। तो आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...

अघोरियों के लिए खास है भारत के ये अद्भूत मंदिर।
भारत ऐसा देश है जहां धर्मों को लेकर बहुत ही मान्यता है। आपको पता होगा की दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली के एक दिन पहले का दिन नरक चतुर्दशी और काली चौदस जैसे नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी पर खास तौर पर माता काली, यमदेव और भगवान श्री कृष्ण की विधिवत पूजा कि जाती है। माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन इन देवी देवताओं के नाम का दीपक जलाया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को कभी भी डर और निराशा हाथ नहीं लगती है। शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की तरह इस दिन कई मंदिरों और घरों में भी दीपक जलाएं जाते हैं। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं जो बहुत ही अनोखे हैं। जी हां... भारत के कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां आम इंसानों का जाना वर्जित है। इन मंदिरों में सिर्फ अघोरियों को ही एंट्री दी जाती है। तो आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...
ओडिशा का वेताल मंदिर
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मौजूद एक ऐसा मंदिर जो 8वीं सदी से अस्तित्व में है। इस मंदिर में माता चामुंडा की प्रतिमा स्थापित है। आपको तो पता ही होगा माता काली का दूसरा रूप मां चांमुडा है। मान्यताओं के अनुसार, ये मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए फेमस है। ऐसा कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन इस मंदिर में भक्तों को जाना वर्जित है सिर्फ अघोरी की ही एंट्री मिलती है।
हिमाचल प्रदेश का ज्वालामुखी मंदिर
हिमाचल प्रदेश में प्रकृति से घिरा मां ज्वालामुखी का मंदिर चमत्कारों और तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। इस मंदिर के पास में एक कुंड है जो बहुत ही आकर्षण है। कहा जाता है कि इस कुंड का पानी हमेशा उबलता हुआ दिखाई देता है, लेकिन छूने पर एकदम ठंडा होता है। शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन अघोरियों का भारी जमावड़ा देखने को मिलता है।
मध्य प्रदेश का काल भैरव मंदिर
मध्य प्रदेश के काल भैरव मंदिर में श्याम मुखी मूर्ति मौजूद है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव का मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बहुत ही फेमस है। इस मंदिर में देश भर के तांत्रिक और अघोरी अपनी सिद्धि प्राप्त करने के लिए नरक चौदस के दिन आते हैं। कहा जाता है कि इस दिन यहां अघोरियों का मेला भी लगता है, जिसके कारण यहां आम भक्तों को एंट्री नहीं दी जाती है।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।