Som Pradosh 2021: सोम प्रदोष व्रत आज, महादेव के इन मंत्रों का जाप कर करें उन्हें प्रसन्न
Som Pradosh 2021: आज पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और आज सोमवार के दिन होने के कारण सोम प्रदोष व्रत भी लग रहा है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए बहुत अहम माना जाता है।

Som Pradosh 2021: आज पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और आज सोमवार के दिन होने के कारण सोम प्रदोष व्रत भी लग रहा है। प्रदोष व्रत भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए बहुत अहम माना जाता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को अवढ़रदानी भी कहा जाता हैं, वे अपने भक्तों का कष्ट और संकट पल भर में ही समाप्त कर देते हैं । वहीं अगर आज के दिन भगवान शिव के कुछ मंत्र का जाप किया जाए तो वे अपने भक्तों के दुख-क्लेश बहुत जल्दी ही दूर कर देते हैं, तो आइए जानते हैं भगवान शंकर को प्रसन्न करने वाले मंत्रों के बारे में...
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के मंत्र
- ऊं भोलेनाथ नमः
- ऊं कैलाश पति नमः
- ऊं भूतनाथ नमः
- ऊं नंदराज नमः
- ऊं नन्दी की सवारी नमः
- ऊं ज्योतिलिंग नमः
- ऊं महाकाल नमः
- ऊं रुद्रनाथ नमः
- ऊं भीमशंकर नमः
- ऊं नटराज नमः
- ऊं प्रलेयन्कार नमः
- ऊं चंद्रमोली नमः
- ऊं डमरूधारी नमः
- ऊं चंद्रधारी नमः
- ऊं मलिकार्जुन नमः
- ऊं भीमेश्वर नमः
- ऊं विषधारी नमः
- ऊं बम भोले नमः
- ऊं ओंकार स्वामी नमः
- ऊं ओंकारेश्वर नमः
- ऊं शंकर त्रिशूलधारी नमः
- ऊं विश्वनाथ नमः
- ऊं अनादिदेव नमः
- ऊं उमापति नमः
- ऊं गोरापति नमः
- ऊं गणपिता नमः
- ऊं भोले बाबा नमः
- ऊं शिवजी नमः
- ऊं शम्भु नमः
- ऊं नीलकंठ नमः
- ऊं महाकालेश्वर नमः
- ऊं त्रिपुरारी नमः
- ऊं त्रिलोकनाथ नमः
- ऊं त्रिनेत्रधारी नमः
- ऊं बर्फानी बाबा नमः
- ऊं जगतपिता नमः
- ऊं मृत्युन्जन नमः
- ऊं नागधारी नमः
- ऊं रामेश्वर नमः
- ऊं लंकेश्वर नमः
- ऊं अमरनाथ नमः
- ऊं केदारनाथ नमः
- ऊं मंगलेश्वर नमः
- ऊं अर्धनारीश्वर नमः
- ऊं नागार्जुन नमः
- ऊं जटाधारी नमः
- ऊं नीलेश्वर नमः
- ऊं गलसर्पमाला नमः
- ऊं दीनानाथ नमः
- ऊं सोमनाथ नमः
- ऊं जोगी नमः
- ऊं भंडारी बाबा नमः
- ऊं बमलेहरी नमः
- ऊं गोरीशंकर नमः
- ऊं शिवाकांत नमः
- ऊं महेश्वराए नमः
- ऊं महेश नमः
- ऊं ओलोकानाथ नमः
- ऊं आदिनाथ नमः
- ऊं देवदेवेश्वर नमः
- ऊं प्राणनाथ नमः
- ऊं शिवम् नमः
- ऊं महादानी नमः
- ऊं शिवदानी नमः
- ऊं संकटहारी नमः
- ऊं महेश्वर नमः
- ऊं रुंडमालाधारी नमः
- ऊं जगपालनकर्ता नमः
- ऊं पशुपति नमः
- ऊं संगमेश्वर नमः
- ऊं दक्षेश्वर नमः
- ऊं घ्रेनश्वर नमः
- ऊं मणिमहेश नमः
- ऊं अनादी नमः
- ऊं अमर नमः
- ऊं आशुतोष महाराज नमः
- ऊं विलवकेश्वर नमः
- ऊं अचलेश्वर नमः
- ऊं अभयंकर नमः
- ऊं पातालेश्वर नमः
- ऊं धूधेश्वर नमः
- ऊं सर्पधारी नमः
- ऊं त्रिलोकिनरेश नमः
- ऊं हठ योगी नमः
- ऊं विश्लेश्वर नमः
- ऊं नागाधिराज नमः
- ऊं सर्वेश्वर नमः
- ऊं उमाकांत नमः
- ऊं बाबा चंद्रेश्वर नमः
- ऊं त्रिकालदर्शी नमः
- ऊं त्रिलोकी स्वामी नमः
- ऊं महादेव नमः
- ऊं गढ़शंकर नमः
- ऊं मुक्तेश्वर नमः
- ऊं नटेषर नमः
- ऊं गिरजापति नमः
- ऊं भद्रेश्वर नमः
- ऊं त्रिपुनाशक नमः
- ऊं निर्जेश्वर नमः
- ऊं किरातेश्वर नमः
- ऊं जागेश्वर नमः
- ऊं अबधूतपति नमः
- ऊं भीलपति नमः
- ऊं जितनाथ नमः
- ऊं वृषेश्वर नमः
- ऊं भूतेश्वर नमः
- ऊं बैजूनाथ नमः
- ऊं नागेश्वर नमः
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)