जानें, पराई स्त्री से संबंध बनाने पर आपके आधे पाप देवराज इन्द्र क्यों भोगते हैं
- जानें, पद्म पुराण में वर्णित गौतम ऋषि, देवराज इंद्र और अहिल्या की कहानी
- देवराज इंद्र ने बनाए थे सबसे पहले पराई स्त्री से शारीरिक संबंध

शास्त्रों के मुताबिक, ऋषि गौतम ने देवराज इंद्र को श्राप दिया था कि पृथ्वी पर जो भी व्यक्ति पराई स्त्री से यौन संबंध बनाएगा उसका आधा पाप देवराज इंद्र को लगेगा। क्या यह बात सच है और अगर सच है तो गौतम ऋषि ने देवराज इंद्र को ऐसा श्राप क्यों दिया। तो आइए जानते हैं कि हिन्दू धर्म के 18 महापुराणों में से एक पदम पुराण में वर्णित गौतम ऋषि, देवराज इंद्र और अहिल्या की कहानी के बारे में।
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पदम पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक समय की बात है कि स्वर्ग की अप्सराओं को अपनी सुन्दरता के ऊपर बहुत घमंड था और वह किसी भी देवता को कुछ भी नहीं समझती थीं। फिर जब यह बात ब्रह्मा जी को पता चली तो उन्होंने एक ऐसी कन्या का निर्माण किया जोकि अप्सराओं से ही नहीं बल्कि तीनों पूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा सुन्दर थी।
उसकी सुन्दरता के कारण उसका नाम अहिल्या पड़ा। अहिल्या की सुन्दरता को देखकर सभी अप्सराओं का घमंड भी चकनाचूर हो गया। वहीं अहिल्या अभी बालक अवस्था में ही थी कि देवराज इंद्र उसे भविष्य में अपनी पत्नी के रूप में देखने लगे थे। परन्तु परमपिता ब्रह्मा ने अहिल्या को उस समय के महान ऋषि गौतम के पास अपनी धरोहर के रूप में छोड़ दिया था।
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गौतम ऋषि के पास रहते हुए अहिल्या वयस्क हुई, तो सभी देवता, राक्षस, नाग और मनुष्य उसे अपनी पत्नी बनाना चाहते थे। परन्तु इनमें से किसी की भी हिम्मत गौतम ऋषि के आश्रम में जाने की नहीं होती थी। फिर जब अहिल्या युवा हुई तो गौतम ऋषि ने उन्हें परमपिता ब्रह्मा जी को वापस लौटा दिया।
अहिल्या के वापस आने के बाद ब्रह्मा जी अब यह सोचने लगे कि अहिल्या का विवाह किसके साथ करें। उन्हें सारे जगत के देवता, नाग, मनुष्य अहिल्या के लायक नहीं दिखे और फिर ब्रह्मा जी को गौतम ऋषि की याद आई। क्योंकि उनके मन में अहिल्या के साथ रहते हुए भी कोई भी विकार नहीं आया था। इसलिए परमपिता ब्रह्मा जी ने उनको अपने पास बुलाया और अहिल्या को इस बार उनकी पत्नी के रूप में उन्हें सौंप दिया।
ब्रह्मा जी के इस निर्णय से देवराज इंद्र को बहुत क्रोध आया। इसलिए उन्होंने छल से जब एक बार गौतम ऋषि आश्रम में नहीं थे तब उनका रूप धारण करके अहिल्या के पास पहुंचे और प्रेम संबंध में लीन हो गए। तभी गौतम ऋषि भी आश्रम में पहुंचे, आश्रम पहुंचते ही उन्होंने अपनी पत्नी अहिल्या को देवराज इंद्र के साथ प्रेम संबंध में लीन पाया। जिससे गौतम ऋषि ने क्रोधित होकर अहिल्या को श्राप दिया कि वह पत्थर बन जाए और देवराज इंद्र को भी इस दुष्कर्म के कारण श्राप दिया था। इसलिए कभी भी पराई स्त्री से संबंध नहीं बनाने चाहिए क्योंकि पराई स्त्री से यौन संबंध बनाने पर आधा नहीं पूरा पाप आपको ही लगता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)