Raksha Bandhan 2022: रक्षासूत्र है इतना बलवान द्रौपदी के बुलाने पर खिंचे चले आए कृष्ण भगवान, जानें राखी का महत्व
रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022) जिसे आमतौर पर राखी भी कहा जाता है, यह एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन (Brother-Sister Relationship)के रिश्ते की पवित्रता का सम्मान करता है।

रक्षा बंधन जिसे आमतौर पर राखी भी कहा जाता है, यह एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता का सम्मान करता है। रक्षा बंधन सावन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र या राखी बांधती हैं, साथ ही सभी भाई अपनी बहनों की हर स्थिति में रक्षा करने की शपथ लेते हैं। राखी महज एक धागा नहीं होती है, यह भाई-बहन के रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत बनाती है। भाई-बहन आपस में चाहे कितना ही लड़ते हो, एक-दूसरे को चाहे कुछ भी कह देते हों, लेकिन बात जब साथ देने की होती है तो वो दोनों हमेशा एक दूसरे का हर तरह से समर्थन करते हैं। बताते चलें कि इस साल रक्षा बंधन 11 अगस्त को मनाया जाएगा।
जानिए क्या है रक्षा बंधन का इतिहास
हिंदू पौराणिक कथाओं की माने तो रक्षाबंधन का त्योहार महाभारत काल से मनाया जाता है, एक बार भगवान कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से अपनी उंगली को घायल कर लिया था। उस वक्त द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ दिया और खून को बहने से रोकने के लिए उसे भगवन कृष्ण की उंगली के चारों ओर बांध दिया। तब भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को सभी परिस्थितियों में आजीवन सुरक्षा देने का वादा किया। जैसा कि वादा किया गया था, जब कौरवों ने द्रौपदी की गरिमा को नष्ट करने का प्रयास किया, तो भगवान कृष्ण ने अपना वचन निभाया और अपनी बहन द्रौपदी की कौरवों से रक्षा की थी।
जानिए क्या है रक्षाबंधन का महत्त्व
हिंदू परंपरा यह कहती है कि एक बहन को अपने भाई के माथे पर 'तिलक' लगाना चाहिए और उसकी लंबी और सुखी जीवन की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधनी चाहिए। इसके बदले में, भाई अपनी बहन को उसकी पसंद का गिफ्ट देता है या प्यार और सम्मान के संकेत के रूप में उसे पैसे देता है। लेकिन आजकल यह रिवाज मस्ती, मजाक और गिफ्ट देने पर ज्यादा केंद्रित हो गया है। भाई-बहन हंसी ठिठोली करते हुए इस त्यौहार को मनाते हैं, राखी पर बहुत सी मिठाइयां और स्वादिष्ट पकवान भी बनते हैं। जैसे-जैसे हम मॉडर्न होते जा रहे हैं और हमारी सोच का विकास हो रहा है, उसका असर हमारी संस्कृति पर भी दिखने लगा है। पहले रक्षाबंधन का त्यौहार सिर्फ भाई-बहन के राखी बांधने तक हुआ करता था। अब राखी बड़ी बहनों, दोस्तों और अन्य दूर के रिश्तेदारों को भी बांधी जाती है ताकि लोग रक्षा बंधन को ऐसे माहौल में मना सकें जहां वे सुरक्षित और संरक्षित महसूस करते हैं। रक्षा बंधन पारंपरिक रूप से सुरक्षा की भावना से जुड़ा रहा है।

Harsha Singh
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। कॉलेज के दौरान ही कुछ वेबसाइट्स के लिए फ्रीलांस कंटेंट राइटर के तौर पर काम किया। अब बीते करीब एक साल से हरिभूमि के साथ सफर जारी है। पढ़ना, लिखना और नई चीजे एक्स्प्लोर करना पसंद है।