Hari bhoomi hindi news chhattisgarh

Jyotish Shastra : सौंदर्य पाने के लिए ये उपाय करें कन्याएं, जानें अविवाहित महिलाओं को क्यों नहीं करना चाहिए श्रृंगार

  • नारी के जीवन में सौन्दर्य का खास महत्व होता है।
  • सौन्दर्यहीन नारी को किसी भी व्यक्ति का प्रेम नहीं मिलता है।
  • जानें, सौन्दर्य पाने के ज्योतिषीय उपाय और मंत्र

Jyotish Shastra : सौंदर्य पाने के लिए ये उपाय करें कन्याएं, जानें अविवाहित महिलाओं को क्यों नहीं करना चाहिए श्रृंगार
X

Jyotish Shastra : नारी के जीवन में सौन्दर्य का खास महत्व होता है। जब किसी कन्या का सौन्दर्य चला जाता है तो वह बुढापे की ओर अग्रसर हो जाती है। वहीं सौन्दर्य की रक्षा के लिए शास्त्रों में कुछ खास विधान और मंत्र बताए गए हैं, जिनके द्वारा हम अपने सौन्दर्य की रक्षा कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं सौन्दर्य की रक्षा करने वाले मंत्र और देवताओं के बारे में।

ये भी पढ़ें : Badrinath Dham : क्या आप भी जानते हैं बदरीनाथ की प्रतिमा और पुजारी का ये रहस्य

सौन्दर्य पाने के लिए कन्या नवग्रहों का नाम जरुर प्रतिदिन लें और उनके मंत्रों का जप करें।

नवग्रह मंत्र

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च ।

गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु ।।

वहीं गऊ माता के अगले पैरों के खुर को यानि चरणों का स्पर्श करने से नवग्रह शांत होते हैं। शनि की दशा समाप्त हो जाती है। राहु परेशान नहीं करता है।

सूर्य को अर्घ्य देने से बढ़ती है चेहरे की रौनक

पद्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन भगवान सूर्य के दर्शन करता है और उन्हें नियमित रुप से अर्घ्य देता है उस व्यक्ति के चेहरे की रौनक बढ़ती है।

ये भी पढ़ें : Grahan 2021 : सूर्य और चंद्रमा के किस स्थिति में जाने को कौनसा ग्रहण माना जाता है, जानें...

चंद्रमा हैं सौन्दर्य के दाता

वहीं विवाह से पहले कन्याओं को किसी भी प्रकार का श्रृंगार आदि नहीं करना चाहिए। ऐसी हिन्दू सनातन धर्म की मर्यादा है। धर्म शास्त्रों के अनुसार माता गार्गी ने कहा था कि अगर महिलाएं प्रतिदिन नियमित रुप से चंद्रमा का वंदन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें तो दुनिया का जितना भी सौन्दर्य है वह उनके पास स्वयं ही आ जाएगा। माना जाता है कि नारियों के सौन्दर्य के दाता भगवान चंद्रदेव ही हैं। क्योंकि संपूर्ण जगत में निर्मल चंद्रमा से सुंदर कोई भी नहीं हैं। नारियों का जो सौन्दर्य है वह चंद्रमा का दिया हुआ है। यदि कन्याएं ऐसा करेंगी तो दुल्हन बनते समय पूरी रौनक आपके चेहरे पर होगी।

अविवाहित कन्याओं को नहीं करना चाहिए श्रृंगार

नारी जो श्रृंगार करती है वह अपने पति के लिए करती है और पति के लिए वह ऐसा श्रृंगार करती है कि दुनिया की कोई भी नारी उसके पति को प्रभावित ना कर पाए। इसलिए श्रृंगार करना नारी का धर्म है, लेकिन कुंवारी कन्या को कभी इस प्रकार का कोई श्रृंगार भी नहीं करना चाहिए। जोकि उनके लिए निषेद्य हो। जिनमें कुछ रंग की चूडि़यां और वस्त्र आदि शामिल हैं जिन्हें कुंवारी कन्याएं धारण नहीं कर सकती हैं। वहीं कुंवारी कन्याओं को अपने होठों पर भी लिपिस्टक आदि नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि ये भी हिन्दू सनातन धर्म की मर्यादा है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

और पढ़ें
Next Story