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Gochar 2021 : वृषभ राशि में बना बुध और राहु का जड़त्व योग नहीं है शुभ, शुक्र के साथ आने पर मिल सकती है लोगों को राहत की सांस

  • शुक्र ग्रह के पास अमृत संजीवनी है।
  • कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी।
  • बुध ग्रह का यह राशि परिवर्तन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है।

Gochar 2021: सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में किया देवगुरु बृहस्पति ने राशि परिवर्तन, जानें इसके लाभ, प्रभाव और उपाय
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Gochar 2021 : मई के पहले दिन यानी 01 मई को बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध वृषभ राशि प्रवेश कर गए। इस समय राहु पहले से वृषभ राशि में मौजूद हैं। बुध के वृषभ राशि में प्रवेश करने से राहु के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी। बुध को बुद्धि और वाणी का कारक ग्रह माना जाता है। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं और मीन राशि में नीचराशिगत तथा कन्या राशि उच्चराशिगत संज्ञक माने जाते हैं। बुध का वृष राशि में प्रवेश करने से सभी राशियों पर शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ेगा।

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पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र हमेशा पृथ्वी के साथ है। इस कारण बुध के वृषभ राशि में आने से एलर्जी इंफेक्शन संक्रमण के रोगों में कमी आएगी। धीरे-धीरे कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी। पंचांग के अनुसार बुध ग्रह 01 मई को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश कर गए थे। अब इस राशि में मौजूद राहु ग्रह के साथ मिलकर बुध जड़त्व योग बनाएंगे, जो बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जा रहा है। बुध ग्रह का यह राशि परिवर्तन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। बुध वृषभ राशि में जा रहे हैं लेकिन इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को वाणी, व्यापार, संचार, बुद्धि, गणना, तर्क शास्त्र आदि का कारक माना गया है। कन्या बुध की उच्च और मीन बुध की नीच राशि है। मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। इसके बाद 04 मई 2021 को शुक्र ग्रह वृषभ राशि में राशि परिवर्तन करेंगे। इन दोनों के आ जाने से वृषभ राशि में तीन ग्रहों की युति बन जाएगी। वृषभ राशि में मई के महीने में राहु, बुध और शुक्र ग्रह की युति बनेगी, जो मेष राशि से लेकर मीन राशि के जातकों को प्रभावित करेगी।

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बुध और राहु बनाएंगे जड़त्व योग

वृषभ राशि में पाप ग्रह राहु पहले से ही विराजित हैं और इस राशि में बुध मई के पहले दिन गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में बुध और राहु दोनों की युति वृषभ राशि में एक अशुभ योग का निर्माण कर रही है। दोनों मिलकर वृषभ राशि में जड़त्व योग बना रहे हैं। ज्योतिष में इस योग को शुभ नहीं माना जाता है। वृष राशि में इस योग के बनने से धन संबंधी मामलों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु को कूटनीति, राजनीति, धोखा, प्रपंच, भ्रम, विदेशी भाषा, विदेश और मानसिक रोग आदि का भी कारक माना गया है।

बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं। बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं। बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है। बुध सौरमंडल के ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है। यह व्यापार, वाणिज्य, कॉमर्स, व्यापार, खाते, बैंकिंग, मोबाइल, नेटवर्किंग, कंप्यूटर आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है। एक शक्तिशाली बुध आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक है। ताकतवर बुध वाले लोग तेज दिमाग के होने की वजह से उनके सोचने की शक्ति अच्छी होती है। लेकिन, इनकी एक समस्या यह होती है कि ये चिंता और अनिश्चितता से प्रभावित होते हैं।

ये होगा असर

शुक्र ग्रह के पास अमृत संजीवनी है और शुक्र हमेशा पृथ्वी के साथ है। इस कारण बुध के वृषभ राशि में आने से एलर्जी इंफेक्शन संक्रमण के रोगों में कमी आएगी। धीरे-धीरे कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी। बुध के राशि परिवर्तन से लोगों में रचनात्मकता बढ़ेगी। शेयर मार्केट बढ़ने की संभावना है। कीमती धातुओं के दाम कम होंगे। बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है। खाने-पीनी की चीजें महंगी हो सकती है। बिजनेस करने वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। लेन-देन और निवेश में कई लोगों को फायदा मिल सकता है। कई नौकरीपेशा लोग जॉब बदलने का मन बना सकते हैं।

बुध है नपुंसक ग्रह

बुध पुरुष ग्रह होने के बावजूद नपुंसक ग्रह कहलाता है। अर्थात यह जिस ग्रह के साथ बैठ जाए उसकी तरह व्यवहार करने लगता है। वक्री बुध यदि किसी खराब ग्रह के साथ बैठ गया और उसके खराब फल में वृद्धि हो जाती है।

बुध का वैदिक मंत्र

ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।

अस्मिन्त्सधस्‍थे अध्‍युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।

बुध का तांत्रिक मंत्र

ॐ बुं बुधाय नमः

बुध का बीज मंत्र

ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

बुध के उपाय

  1. बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए।
  2. बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए।
  3. बुधवार के दिन गणपति को सिंदुर चढ़ाएं।
  4. बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है।
  5. पालक का दान करें।
  6. बुधवार को कन्या पूजन करके हरी वस्तुओं का दान करें।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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