dussehra : अल्मोड़ा की समृद्ध परंपरा का प्रतीक
dussehra 2020 : कला-संस्कृति और लंबी परंपरा के साथ रामलीला के संपन्न होने और नवरात्रि में मां दुर्गा के अनेक रुपों की आराधना के बाद पूरे देश में (dussehra) विजयादशमी का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीराम ने अन्याय के प्रतीक रावण का वध किया था। अल्मोड़ा का दशहरा पूरे विश्व में अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है।

dussehra 2020 : कला-संस्कृति और लंबी परंपरा के साथ रामलीला के संपन्न होने और नवरात्रि में मां दुर्गा के अनेक रुपों की आराधना के बाद पूरे देश में (dussehra) विजयादशमी का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीराम ने अन्याय के प्रतीक रावण का वध किया था। अल्मोड़ा का दशहरा पूरे विश्व में अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है। जिसमें प्रतिवर्ष हजारों स्थानीय लोग और लाखों की तादाद में पर्यटक लोग सम्मिलित होकर एक सूत्र में बंधकर चलते हैं। अल्मोड़ा नगर में मां दुर्गा की विभिन्न आकर्षक रुपों की झांकियों के साथ नगर की परिक्रमा की जाती है। नगर परिक्रमा की बाद इन झांकियों को विसर्जित कर दिया जाता है।
इसके बाद रावण परिवार के विशालकाय पुतलों को पूरे नगर में भ्रमण कराया जाता है। रावण परिवार के पुतलों को नगर में भ्रमण कराने के बाद स्थानीय स्टेडियम में ले जाकर उनका दहन किया जाता है।
लाखों लोगों की संख्या में लोगों के मौजूद होने के बाद इन झांकियों को प्रेम और सौहार्द और अनुशासन पूर्वक नगर से भ्रमण कराते हुए इन्हें लग जाया जाता है।
देश की विविधता में एकता को समझना है तो आपको एक बार दशहरा उत्सव देने के लिए अल्मोड़ा आना चाहिए।