Pradosh Vrat 2022: वैशाख कृष्ण प्रदोष व्रत कब है, जानें इस व्रत से जुड़ी ये खास बात
Pradosh Vrat 2022: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि कब है। प्रदोष व्रत कब है। त्रयोदशी तिथि कब प्रारंभ होगी और कब समाप्त होगी। तथा प्रदोष व्रत का पारण किस दिन किया जाना चाहिए। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत से जुड़ी इन सभी बातो के बारे में...

Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव के अनन्य भक्त भगवान शिव की प्रसन्नता प्राप्ति के लिए हर माह प्रदोष व्रत करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने का कोई व्रत है तो वह है प्रदोष व्रत। प्रदोष व्रत में भगवान शिव प्रदोष काल के समय मां पार्वती के साथ साक्षात पृथ्वीलोक पर विचरण करते हैं और उस समय जो भक्त श्रद्धा से जो भी भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना में लगे रहते हैं, भोलेनाथ उनके मन की मुरादों को अवश्य ही पूरा करते हैं। तो आइए जानते हैं वैशाख माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत कब है, त्रयोदशी तिथि कब प्रारंभ होगी और कब समाप्त होगी।
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इस बार 27 अप्रैल 2022, दिन बुधवार को त्रयोदशी तिथि रात में 01:24 बजे से प्रारंभ होगी और 28 अप्रैल, दिन गुरुवार को त्रयोदशी तिथि पूरे दिन रहेगी तथा रात्रि में 01:27 बजे पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। इसीलिए गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इस बार गुरु प्रदोष व्रत रहेगा। क्योंकि जिस भी वार को प्रदोष व्रत पड़ता है, उस प्रदोष व्रत को उसी दिन के नाम से ही जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि, गुरु प्रदोष व्रत के प्रभाव से शत्रुओं का विनाश और समस्त दुखों का नाश हो जाता है। इस व्रत में प्रदोष काल यानि संध्याकाल में जिस समय ना तो सूर्य दिखायी दे और ना ही आकाश मंडल में तारे दिखायी दे रहे हों, उसी पवित्र समय में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत का प्रदोष काल 28 अप्रैल, गुरुवार के दिन शाम 05:46 बजे से रात्रि 08:16 बजे तक रहेगा और इसी दौरान हमें भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करनी है। तथा वहीं इस व्रत का पारण 29 अप्रैल 2022, दिन शुक्रवार को प्रात:काल 09:30 बजे से प्रात:काल 10:40 बजे के बीच में करना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)