उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड आबकारी राजस्व: शराब ने 6 महीने में भर दी 26,149 करोड़ रुपये की 'तिजोरी'।

राजस्व में यह उछाल अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई का परिणाम है। विभाग ने 50,097 मुकदमे दर्ज किए हैं और 9,463 लोगों को गिरफ्तार कर 13.30 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की है।

Updated On 2025-10-07 07:25:00 IST

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि अकेले सितंबर में राजस्व 17.40% बढ़ा।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) में शराब से आबकारी राजस्व में शानदार वृद्धि दर्ज की है। इस अवधि में सरकार को कुल 26,149.32 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 22,563.15 करोड़ रुपये के राजस्व से 15.89% अधिक है। अकेले सितंबर माह में राजस्व संग्रह में पिछले साल की तुलना में 17.40% की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 50,097 मामले दर्ज किए हैं और 9,463 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो राजस्व वृद्धि में एक महत्वपूर्ण कारक है।

उत्तर प्रदेश में आबकारी राजस्व ने बनाया नया कीर्तिमान

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले छह महीनों में आबकारी राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज करते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आबकारी विभाग के अनुसार अप्रैल से सितंबर तक 26,149.32 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के 22,563.15 करोड़ रुपये के राजस्व से 3,586.17 करोड़ रुपये अधिक है, जो कि 15.89 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। विभाग ने इस उपलब्धि का श्रेय सरकार की पारदर्शी आबकारी नीति, बेहतर प्रवर्तन और अवैध शराब के खिलाफ निरंतर चलाए जा रहे अभियानों को दिया।

आबकारी विभाग ने राजस्व संग्रह के मामले में अपनी गति को बरकरार रखा है। आबकारी विभाग के अनुसार, विभाग ने सितंबर माह तक 27,600.00 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे प्राप्त करने की दिशा में तेजी से प्रगति हुई है। केवल सितंबर माह के आंकड़े बताते हैं कि इस महीने 3,811.70 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के सितंबर माह की तुलना में 17.40 प्रतिशत की वृद्धि है। यह मासिक वृद्धि दर यह दर्शाती है कि राजस्व संग्रह में लगातार तेजी आ रही है, जो पूरे वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी। राजस्व में यह उछाल मुख्य रूप से संगठित बिक्री, लाइसेंसिंग प्रक्रिया के सरलीकरण और कर चोरी पर लगाम लगाने के प्रयासों का परिणाम है।

अवैध शराब के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति

राजस्व में बढ़ोतरी के पीछे सरकार की अवैध शराब के कारोबार पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति एक प्रमुख कारण है। मंत्री नितिन अग्रवाल ने जानकारी दी कि अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने और उसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ पूरे राज्य में एक व्यापक अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत 50,097 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सरकार ने अवैध शराब के कारोबारियों पर नकेल कसते हुए भारी मात्रा में अवैध सामग्री जब्त की है।

आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ

अवैध शराब के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान आबकारी विभाग और संबंधित एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में 13.30 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गई है। इसके अतिरिक्त, अवैध शराब के इस पूरे कारोबार में लिप्त पाए गए 9,463 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन सख्त कदमों से न केवल राजस्व की चोरी रुकी है, बल्कि राज्य में नकली और जहरीली शराब के सेवन से होने वाली दुर्घटनाओं पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाना न केवल वित्तीय लाभ के लिए, बल्कि जन-स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

विभाग का लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्धारित आबकारी राजस्व लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया जाए और संभव हो तो उससे भी अधिक कमाई की जाए। इसके लिए, आबकारी मंत्री ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रवर्तन गतिविधियों में और तेजी लाई जाए तथा आधुनिक तकनीक का उपयोग करके शराब की तस्करी और अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। 

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