साइबर अटैक का डर: हरियाणा गृह सचिव की फेक फेसबुक ID से बचें, तुरंत रिपोर्ट करें, अलर्ट जारी
हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा की फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बनाकर साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी की कोशिश की है। इस फेक अकाउंट पर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर पल्लवी अग्रवाल नाम दर्शाया है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा।
हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और वर्तमान गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा साइबर अपराधियों के नए निशाने पर आ गई हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल करके एक फर्जी (Fake) प्रोफाइल बना ली है। इस फेक आईडी पर 'पल्लवी अग्रवाल' नाम का इस्तेमाल किया गया है और प्रोफाइल बनाने वाले ने खुद को राजस्थान के जयपुर का निवासी बताया है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से इस धोखाधड़ी के प्रयास की जानकारी सार्वजनिक की और लोगों को तुरंत अलर्ट किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि इस नकली प्रोफाइल से लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा सकती है या, इससे भी महत्वपूर्ण, पैसे की मांग की जा सकती है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा- रिक्वेस्ट स्वीकार न करें
डॉ. सुमिता मिश्रा ने अपनी पोस्ट में जनता से विशेष सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने लिखा- फेसबुक पर किसी ने 'पल्लवी अग्रवाल' नाम से मेरी फोटो और नाम का इस्तेमाल करके नकली प्रोफाइल बनाई है। वो आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं या पैसे भी मांग सकते हैं। अगर आपको ऐसा कुछ दिखे तो ध्यान मत दीजिए और उसे स्वीकार मत कीजिए।
उन्होंने आगे यह भी बताया कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने पंचकूला साइबर पुलिस में आधिकारिक शिकायत दर्ज करा दी है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें यह नकली अकाउंट दिखाई दे, तो वे इसे तुरंत फेसबुक पर रिपोर्ट करें। साइबर ठगी के इस दौर में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की फोटो का दुरुपयोग एक गंभीर चेतावनी है।
विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया
अपने प्रशासनिक करियर में उन्होंने एसडीएम, डिप्टी कमिश्नर और हुडा प्रशासक जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने दिसंबर 2017 में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में भी तीन साल का कार्यकाल संभाला था। इसके बाद उन्होंने हरियाणा सरकार में कृषि, महिला एवं बाल विकास और चिकित्सा शिक्षा विभाग जैसे कई बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाली।
यह घटना दर्शाती है कि साइबर अपराधी अब उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों का भी दुरुपयोग करने से नहीं चूक रहे हैं। जनता को ऐसे किसी भी अज्ञात या संदिग्ध अकाउंट से आने वाली फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज पर विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए, खासकर जब उसमें पैसे मांगे जा रहे हों।
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