Fed Rate Cut: क्या अमेरिका में अगले हफ्ते सस्ता होगा लोन, फेड के अंदर बढ़ी खींचतान, जानें पूरी कहानी

फेडरल रिजर्व प्रमुख जेरोम पॉवेल एक और ब्याज दर कटौती के लिए तैयार दिख रहे हैं, हालांकि कुछ अधिकारी उनकी इस राय से असहमत हैं। जानें बाजार क्यों मान रहा है कि अगले हफ्ते रेट कट लगभग तय है और इसका क्या असर पड़ेगा।

Updated On 2025-12-07 11:44:00 IST

(एपी सिंह) वाशिंगटन। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयर जेरोम पॉवेल इस सप्ताह ब्याज दरों में एक और 0.25% की कटौती के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, हालांकि उनके कई सहयोगी नीति निर्माताओं में इस कदम को लेकर असहजता और असहमति बढ़ती जा रही है। इसका मूल कारण यह है कि महंगाई अभी भी अपेक्षाकृत उच्च स्तर पर है और कुछ अधिकारी इसे देखते हुए दरों में और कटौती को जल्दबाजी मानते हैं। फेड ने अक्टूबर में लगातार दूसरी बार दरों में कटौती की थी, क्योंकि गर्मियों में अमेरिकी श्रम बाजार अचानक कमजोर होने लगा था। उसके बाद कई अधिकारियों ने हॉकिश यानी महंगाई नियंत्रण को प्राथमिकता देने वाली राय रखी। उन्होंने संकेत दिया कि वे दिसंबर की तीसरी कटौती को लेकर तैयार नहीं हैं।

आर्थिक आंकड़ों ने पैदा की परेशानी

स्थिति इसलिए और उलझ गई, क्योंकि अक्टूबर और नवंबर के ज्यादातर समय सरकारी शटडाउन के कारण नई आर्थिक रिपोर्टें जारी नहीं हो सकीं। नीति निर्माता अब जो ताजा महंगाई रिपोर्ट देख रहे हैं वह सितंबर की है, जो दिसंबर में लिए जाने वाले फैसले को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही। इन परिस्थितियों में नवंबर के मध्य तक निवेशकों को भी इस बात पर गंभीर संदेह हो गया था कि फेड वाकई दरें घटाएगा या नहीं। लेकिन 21 नवंबर को न्यूयॉर्क फेड के अध्यक्ष जॉन विलियम्स ने कहा कि वे निकट भविष्य में दर कटौती की गुंजाइश देखते हैं। चूंकि विलियम्स को पॉवेल का भरोसेमंद माना जाता है, इसलिए बाजार ने इसे संकेत मान लिया और अब निवेशक 90% से अधिक संभावना देख रहे हैं कि अगले सप्ताह दरें घटेंगी।

अगले साल दो और कटौतियां संभव

ब्लूमबर्ग द्वारा किए गए सर्वे में अर्थशास्त्री मानते हैं कि इसके बाद फेड कुछ समय रुककर 2026 में दो और कटौतियां कर सकता है, एक मार्च में और दूसरी सितंबर में। उम्मीद यह भी है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा शटडाउन के बाद तेजी से डेटा जारी करने पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति क्या है और फेड किस तरह महंगाई नियंत्रण तथा रोजगार बढ़ाने के अपने दोहरे लक्ष्य में संतुलन बना सकता है। यह स्थिति बताती है कि फेड के भीतर रेट कट को लेकर अनिश्चितता बढ़ रही है, लेकिन बाजार अभी भी मान रहा है कि पॉवेल दर कटौती के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में सफल होंगे।

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