8.5 प्रतिशत तक रह सकती है पीएफ पर ब्याज दरें

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By - haribhoomi.com |29 Dec 2013 6:30 PM
ईपीएफओ 2013-14 के लिये अपने 5 करोड़ अंशधारकों के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत बरकरार रख सकता है।
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 2013-14 के लिये अपने 5 करोड़ अंशधारकों के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत बरकरार रख सकता है। ईपीएफओ ने पिछले वित्त वर्ष में भी इतनी ही ब्याज दिया था।
ईपीएफओ के न्यासियों के लिये एजेंडे के अनुसार भविष्य निधि पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर से खाते में 56.96 करोड़ का अधिशेष बचेगा। नये श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडिस की अध्यक्षता में न्यासियों की बैठक 13 जनवरी को निर्धारित है। ईपीएफओ को 8.5 प्रतिशत ब्याज देने के लिये 20,740 करोड़ की जरूरत होगी जबकि उसकी आय 20,796.96 करोड़ अनुमानित है। अनुमान के अनुसार ब्याज दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने से 1,220 करोड़ की अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ेगी जो व्यावहारिक जान नहीं पड़ता।
ईपीएफओ ने न्यासियों के लिये अपने प्रस्ताव में कहा है, ‘अंशधारकों को दी जाने वाली ब्याज के मद में व्यय को संगठन की कमाई से पूरा किया जाएगा। अत: ब्याज दर ट्रस्ट की कमाई के अनुरूप होनी चाहिए।’ श्रम मंत्री की अगुवाई में ईपीएफओ का निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 13 जनवरी को होनी है। यह बैठक करीब एक साल के अंतर के बाद हो रही है। इससे पहले, इस साल फरवरी में बैठक हुई थी। मई में सीबीटी के पुनर्गठन के बाद इसकी बैठक नहीं हुई जिसके कारण ब्याज दर लंबित है। सीबीटी से मंजूरी के बाद इस पर वित्त मंत्रालय की सहमति की जरूरत पड़ती है जो इसे अधिसूचित करता है।
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ईपीएफओ के न्यासियों के लिये एजेंडे के अनुसार भविष्य निधि पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर से खाते में 56.96 करोड़ का अधिशेष बचेगा। नये श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडिस की अध्यक्षता में न्यासियों की बैठक 13 जनवरी को निर्धारित है। ईपीएफओ को 8.5 प्रतिशत ब्याज देने के लिये 20,740 करोड़ की जरूरत होगी जबकि उसकी आय 20,796.96 करोड़ अनुमानित है। अनुमान के अनुसार ब्याज दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने से 1,220 करोड़ की अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ेगी जो व्यावहारिक जान नहीं पड़ता।
ईपीएफओ ने न्यासियों के लिये अपने प्रस्ताव में कहा है, ‘अंशधारकों को दी जाने वाली ब्याज के मद में व्यय को संगठन की कमाई से पूरा किया जाएगा। अत: ब्याज दर ट्रस्ट की कमाई के अनुरूप होनी चाहिए।’ श्रम मंत्री की अगुवाई में ईपीएफओ का निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 13 जनवरी को होनी है। यह बैठक करीब एक साल के अंतर के बाद हो रही है। इससे पहले, इस साल फरवरी में बैठक हुई थी। मई में सीबीटी के पुनर्गठन के बाद इसकी बैठक नहीं हुई जिसके कारण ब्याज दर लंबित है। सीबीटी से मंजूरी के बाद इस पर वित्त मंत्रालय की सहमति की जरूरत पड़ती है जो इसे अधिसूचित करता है।
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