जब मेजर का खेल देखकर घबरा गया था हिटलर

ओलंपिक के पिछले मौचों मे भारत की शानदार जीत को देखने के बाद सारे यूरोप से लोग इस फाइनल मैच को देखने आए थे। मैच से पहले बारिश होने के कारण मैदान खचाखच पानी से भर गया था।
हर तरफ़ लोगों को चीयर-अप करने के पोस्टर लगे हुए थे, पोस्टरों पर ध्यानचंद की तारीफ़ें लिखी हुईं थी जो कि उनकी पिछली जीत की गवाही दे रहे थे।
इस मैच के लिए मेजर ने जोर-शोर से तैयारियां कर रखी थीं। उन्होंने अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ियों को ये प्रेरणा दी थी कि आज हम उनकों सिखा देंगे कि बॉल को कैसे नियंत्रित करते हैं।
इस मैच के दौरान जर्मनी की हार को न देख पाने की वजह से हिटलर मैदान छोड़कर चले गए। वाकई भारतीय खिलाड़ियों का इस मैच में प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ़ था। मेजर ने इस मैच में 3 गोल किए और भारत ने जमर्नी पर 8-1 से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
हिटलर मैच छोड़कर चले ज़रूर गए थे। लेकिन ऐसा नहीं था कि उसके बाद उन्होंने इस मैच अपना नाता तोड़ लिया। मैच के बाद उन्होंने ध्यानचंद को बुलाया। इसके बाद जो हुआ उसे पढ़कर आज भी भारतीयों गर्व होता है।