आतंकवाद पर पाकिस्तान के ढुलमुल रवैये पर अमेरिका ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने स्पष्ट किया कि अब अमेरिका पाक को केवल तभी सैन्य सहायता देगा जब पाकिस्तान अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई करेगा।
अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने तीन विधायी संशोधनों पर वोट कर पाकिस्तान के समक्ष यह शर्त रखी है कि अमेरिका केवल तभी पाकिस्तान को वित्तीय मदद उपलब्ध कराएगा जब कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भाग लेगा।
अमेरिकी संसद में शुक्रवार को अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन में तीनों बदलावों को ध्वनिमत से पारित किया गया। इन तीन में से दो विधायी संशोधनों को कांग्रेस के सदस्य डाना रोहराबाशेर और एक को टेड पो ने पेश किया था।
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पाक के खिलाफ इस विधायी संशोधन को पेश करते हुए पो ने कहा, 'आज कांग्रेस ने पाकिस्तान की तरफ से मिल रहे अमेरिकी धोखे को खत्म करने की ओर एक कदम उठाया है।'
इसके अलावा इस नए विधायी संशोधन के अनुसार अब अमेरिका पाकिस्तान को 400 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद यूं ही नहीं देगा।
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अमेरिका तब तक पाक को फंड नहीं देगा जब तक अमेरिकी रक्षा सचिव पाक को इस बात की क्लीनचिट नहीं दे देते कि पाकिस्तान नॉर्थ वजिरिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है।