यहां की एक विशेष अदालत ने मध्य प्रदेश में एक निजी कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित करने में अनियमितता के सिलसिले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो वरिष्ठ सेवारत अधिकारियों को दोषी ठहराया।
विशेष सीबीआई जज भारत पराशर ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा, तत्कालीन निदेशक केसी समारिया और अन्य को भी दोषी ठहराया है।
अदालत 22 मई के फैसले में यह बताएगी कि किस दोषी को क्या सजा दी जानी है। अदालत ने सीए अमित गोयल को इस मामले में बरी कर दिया।
गुप्ता, क्रोफा और समारिया के अलावा अदालत ने कंपनी केएसएसपीएल और उसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार आहलूवालिया को भी दोषी ठहराया।
अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में आरोप तय करते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुप्ता ने ‘अंधेरे’ में रखा था और कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में गुप्ता ने प्रथम दृष्ट्या कानून एवं उनपर जताए गए विश्वास का उल्लंघन किया।
गुप्ता के खिलाफ लगभग आठ अलग-अलग आरोपपत्र दायर किए गए हैं और इनपर अलग-अलग कार्यवाही चल रही है। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में इन सभी मामलों में संयुक्त सुनवाई की मांग करने वली याचिका को खारिज कर दिया था।