ज्योतिष शास्त्र में शनि और मंगल को एक दूसरे का शत्रु माना गया है। शनि और मंगल का यह योग बहुत ही खतरनाक होता है। ज्योतिषी पंडित धनंजय पाण्डेय के अनुसार शनि और मंगल का यह दृष्टि संबंध योग 26 नवंबर 2017 तक रहेगा।
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ज्योतिषियों के अनुसार पिछली बार मंगल कन्या राशि के छठे भाव में आया था। इसके अलावे शनि भी अपने 9 वें भाव में रहते हुए धनु राशि में आया है। इसलिए कन्या और धनु के आमने-सामने होने के कारण घातक संबंध बना है। इस संबंध को ही ज्योतिषियों ने दृष्टि संबंध बताया है। शनि और मंगल का यह विनाशक योग प्रायः सभी राशियों को बुरी तरह प्रभावित करेगा।
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मंगल और शनि का संबध
ज्योतिष में मंगल को अग्नि ग्रह कहा गया है। मंगल ग्रह अपने स्वभाव में बहुत हिंसक होता है। इसके अलावे शनि एक क्रूर ग्रह है। जिसे तैलीय चीज बहुत अधिक पसंद है। ज्योतिषियों का मानना है कि कि जब आग और तेल मिलेंगे तो स्थिति तो विध्वंसक होगी ही। इसलिए इन दोनों ग्रहों का किसी भी प्रकार से संबंध बनना व्यक्तिगत जीवन में उत्पात मचाता है।