सनातन धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है। इसलिए गाय को माता के रूप में पुकारते हैं। गाय के पंचगव्य का भी विशेष महत्व है। गाय का दूध सभी प्रकार से स्वास्थ्यवर्धक है। इसके अलावे गाय का गोबर और मूत्र कीटाणुनाशक होता है। इतना ही नहीं शास्त्रों के अनुसार गाय के शरीर में 33 हजार देवी-देवताओं का वास होता है।
गाय को लक्ष्मी का भी स्वरुप मना गया है। इसलिए घर में गो माता की सेवा करना सम्पन्नता को बढ़ाता है। जिस घर में गाय की सेवा होती है वह घर सदैव सुखी संपन्न और अचानक आने वाली बाधाओं से बचा रहता है। शहरी परिवेश के कारण गाय को पालना तो संभव नहीं होता है लेकिन इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं का पालन लोग अवश्य करते हैं।
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रोटी खिलने में रखें इन बातों का ध्यान
इसी में एक है घर में बनने वाली पहली रोटी गाय को खिलाना। ऐसा करने से पूरा परिवार गाय माता के आशीर्वाद के कृपा सदैव बनी रहती है। आज भी लोग घर में इस नियम का पालन करते हैं। लेकिन कई लोग बहुत बड़ी भूल कर बैठते हैं जो बदहाली, दुःख, विपत्ति और गरीबी का कारण बन जाती है।
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अक्सर लोग गाय के लिए पहली रोटी रखते तो हैं लेकिन समय पर खिला नहीं पाते। कई बार यह रोटी वे दूसरे या तीसरे दिन खिलाते हैं। इसके अलावे कई बार बची-खुची या बासी रोटी खिलाते हैं। शास्त्रों में गाय को देवता के रूप में पूजा करने का विधान है। इसलिए उन्हें बासी रोटी खिलाना एक प्रकार के उनका अपमान करना है। ऐसा करना पूरे परिवार के लिए विपत्ति लाता है। अतः यदि आप भी इस तरह का काम करते हैं तो आज ही इस आदत को बदल डालें।